Uncategorized

ऋण बाजार में फिर दांव लगा रहे विदेशी निवेशक, ब्याज दरों में कमी की उम्मीद

 

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) लगातार दो महीने तक शुद्ध बिकवाल रहने के बाद दिसंबर में घरेलू ऋण बाजार में लिवाली करने लगे हैं। अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड ​स्थिर होने और जुलाई-सितंबर तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर अनुमान से कम रहने से ब्याज दर में कमी उम्मीद बढ़ गई है जिसे देखते हुए विदेशी निवेशक फिर से ऋण बाजार में दांव लगाने लगे हैं।

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने पूर्ण सुलभ मार्ग (एफएआर) के तहत दिसंबर में अभी तक 7,908 करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूतियां खरीदी हैं। अक्टूबर और नवंबर में विदेशी निवेशक एफएआर प्रतिभूतियों के शुद्ध बिकवाल थे। ​क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के आंकड़ों के अनुसार एफपीआई ने नवंबर में 5,187 करोड़ रुपये मूल्य की एफएआर प्रतिभूतियां बेची थीं। अक्टूबर में भी उन्होंने 5,142 करोड़ रुपये की बिकवाली की थी।

बाजार के भागीदारों ने कहा कि अमेरिका में डॉनल्ड ट्रंप की जीत के बाद यील्ड बढ़ने और डॉलर में मजबूती होने से विदेशी निवेशक एफएआर में निवेश घटाकर अमेरिकी शेयर बाजार में पैसा लगाने लगे थे। इसकी वजह से नवंबर में एफएआर प्रतिभूतियों में निवेश घटा था।

पीएनबी गिल्ट्स के प्रबंध निदेशक और सीईओ विकास गोयल ने कहा, ‘जीडीपी वृद्धि कम रहने और मौद्रिक नीति समिति की बैठक के निर्णय को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं जिससे एफपीआई बाजार में वापस आ गए हैं।’

भारतीय रिजर्व बैंक शुक्रवार को मौ​द्रिक नीति समिति के बैठक के नतीजे घो​षित करेगा। जीडीपी वृद्धि दर नरम रहने के बावजूद 6 सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति द्वारा दर कटौती की संभावना नहीं है क्योंकि खुदरा मुद्रास्फीति में भी तेजी आई है।
बाजार के भागीदारों ने कहा कि दिसंबर में आम तौर पर निवेशक अपना सालाना बहीखाता बंद करते हैं और जनवरी में नया आवटन करते हैं।

ब्लूमबर्ग इंडेक्स में जनवरी से भारत के बॉन्ड शामिल होंगे और बाजार में इसका असर पहले ही दिख चुका है। कुल मिलाकर फरवरी में घरेलू बाजार में दर कटौती की उम्मीद है जिससे अगले साल से निवेश में तेजी आने की उम्मीद है।

नवंबर में एफपीआई ने घरेलू ऋण सेगमेंट में केवल 876 करोड़ का निवेश किया था जबकि अक्टूबर में 5,142 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की थी। इस साल अप्रैल के बाद पहली बार अक्टूबर में एफएआर प्रतिभूतियों में शुद्ध बिकवाली हुई थी।

एक निजी बैंक के ट्रेजरी प्रमुख ने कहा, ‘अमेरिकी यील्ड बढ़ रहा है और रुपया नरम पड़ रहा है, ऐसे में इ​क्विटी से भी निकासी हो सकती है।’ नवंबर में अमेरिकी बॉन्ड की यील्ड बढ़कर 4.40 फीसदी पहुंच गई थी।

एक सरकारी बैंक के एक डीलर ने कहा, ‘अमेरिका में यील्ड अपेक्षाकृत ​स्थिर हो चुका है और मेरा मानना है कि एफपीआई ऋण बाजार में वापस आएंगे।’
अगले साल 31 जनवरी से भारतीय बॉन्ड ब्लूमबर्ग इंडेक्स सर्विसेज ‘इमर्जिंग मार्केट लोकल करेंसी गवर्नमेंट इंडेक्स’ में शामिल होना शुरू होगा। जेपी मॉर्गन इंडेक्स में सरकारी बॉन्ड इस साल 28 जून में शामिल हु थे। इसके बाद से एफएआर प्रतिभूतियों में कुल 36,498 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ है।

Source link

Advertisement
अब stock market की news whatapps पर पाये सबसे पहले। अभी whatapps group से जुड़े। जुड़ने के लिये क्लिक करें।
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top
NIFTY 50 
₹ 24,595.80  0.19%  
NIFTY BANK 
₹ 53,328.75  0.12%  
S&P BSE SENSEX 
₹ 81,433.01  0.11%  
RELIANCE INDUSTRIES LTD 
₹ 1,268.00  0.80%  
HDFC BANK LTD 
₹ 1,860.60  0.13%  
CIPLA LTD 
₹ 1,441.15  0.89%  
TATA MOTORS LIMITED 
₹ 787.65  1.43%  
STATE BANK OF INDIA 
₹ 854.00  0.88%  
BAJAJ FINANCE LIMITED 
₹ 7,128.80  0.19%  
BHARTI AIRTEL LIMITED 
₹ 1,605.55  1.23%  
WIPRO LTD 
₹ 312.30  1.07%  
ICICI BANK LTD. 
₹ 1,329.95  0.18%  
TATA STEEL LIMITED 
₹ 149.50  0.73%  
HINDALCO INDUSTRIES LTD 
₹ 666.60  0.58%