Penny Stocks: सेबी की कड़ी कार्रवाई पर मिश्तन्न फूड्स के शेयर इस कदर टूटे कि यह चढ़ ही नहीं पाया और लोअर सर्किट पर ही दिन भर बना रहा यानी मार्केट में इसका कोई खरीदार ही नहीं दिखा। बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने मिश्तन्न फूड्स पर सात साल के लिए पब्लिक फंड जुटाने पर रोक लगा दिया है। इस वजह से निवेशकों को करारा झटका लगा और वे धड़ाधड़ शेयर बेचने लगे और खरीदार ने मार्केट की छोड़ दिया। इसके चलते मिश्तन्न फूड्स के शेयर 20 फीसदी के लोअर सर्किट 12.42 रुपये (Mishtann Foods Share Price) पर आ गया और इसी पर बंद भी हुआ। एक साल में शेयरों के चाल की बात करें तो 3 दिसंबर 2024 को यह एक साल के निचले स्तर 11.77 रुपये और 6 फरवरी 2024 को यह एक साल के हाई 26.37 रुपये पर था।
Mishtann Foods पर SEBI ने क्यों की कड़ी कार्रवाई
सेबी ने फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स में गंभीर गड़बड़ियों पर मिश्तन्न फूड्स को सात वर्षों के लिए पब्लिक फंड्स जुटाने पर रोक लगा दिया है। इसके अलावा सेबी ने मिश्तन्न फूड्स को ग्रुप की कंपनियों और प्रमोटर्स के जरिए करीब 100 करोड़ रुपये की हेराफरी के रिकवरी को कहा है। 5 दिसंबर को जारी किए गए अंतरिम आदेश में सेबी ने कंपनी को आदेश दिया कि वह राइट्स इश्यू से मिले ₹49.82 करोड़ को वापस लाए, जिसे समूह की एंटिटीज के जरिए गलत तरीके से इस्तेमाल या डायवर्ट किया गया, और ₹47.10 करोड़ को प्रमोटरों या निदेशकों और उनके रिश्तेदारों को फर्जी बिक्री या खरीद के जरिए डायवर्ट किया गया।
इसके अलावा सेबी ने कंपनी के एमडी और अन्य कई निदेशकों को अगले आदेश तक सिक्योरिटी मार्केट तक पहुंचने से रोक दियाहै। इस मामले में कंपनी ने शुक्रवार को स्पष्टीकरण दिया कि अंतरिम आदेश एक शो कॉज नोटिस है जिसमें कंपनी से कुछ आरोपों पर स्पष्टीकरण मांगा गया है। कंपनी ने सभी आरोपों से इनकार किया है। कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि सेबी के आदेश के खिलाफ वह कानूनी रास्ता अपनाएगी।
सेबी की जांच में क्या आया सामने?
बाजार नियामक के पूर्णकालिक सदस्य अश्वनी भाटिया ने ऑर्डर में बताया कि कंपनी ने वित्तीय विवरणों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया और बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की। उन्होंने कहा कि इन एंटिटीज के 90 फीसदी से अधिक क्रेडिट और डेबिट एंट्री यानी लेन-देन या तो उनके खुद के बीच या मिश्तन्न फूड्स के साथ हुए जो फर्जीवाड़े के लेवल को दिखाता है। इन एंटिटीज का अपना खुद का कोई कारोबार नहीं था।
सेबी ने यह भी पाया कि कंपनी के कारोबार और 4.2 लाख से अधिक शेयरहोल्डर्स के हितों को एमडी हितेश कुमार गौरीशंकर पटेल ने अपने कंट्रोल में रखा जो कंपनी के एकमात्र प्रमोटर भी हैं और कंपनी के 43% शेयरों के मालिक हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने रिश्तेदारों के जरिए मिश्तन्न फूड्स के फर्जी खरीदारों/विक्रेताओं को नियंत्रित करते हैं। सेबी का कहना है कि हितेश ने ने हाल ही में कंपनी के 3 करोड़ रुपये शेयर बेचकर करीब ₹50 करोड़ जुटाए और अब भी उनके पास 47 करोड़ MFL शेयर हैं, जो आने वाले वित्तीय नुकसान के खतरे को दिखा रहा है है, खासतौर से उन खुदरा निवेशकों के लिए जो हितेश की योजनाओं से अनजान हैं।