ऑनलाइन फूड डिलीवरी और क्विक कामर्स कंपनी स्विगी लिमिटेड के शेयर में आज 10% से ज्यादा की तेजी देखने को मिली। हालांकि, बाद में इसमें थोड़ा गिरावट देखने को मिली और दिनभर के कारोबार के बाद यह 4.18% की तेजी के साथ 539.45 के स्तर पर बंद हुआ। इससे पहले बीते दिन बुधवार को शेयर 3.04% की तेजी के साथ 517.10 रुपए पर बंद हुआ था।
दरअसल, वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में स्विगी का घाटा 4.72% कम हुआ है। कंपनी ने 2 दिन पहले 3 दिसंबर को Q2FY25 के नतीजे जारी किए थे। जुलाई-सितंबर तिमाही में स्विगी को 626 करोड़ रुपए का नुकसान (कॉन्सोलिडेटेड नेट लॉस) हुआ है। पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी को 657 करोड़ रुपए का लॉस हुआ था।
इसके साथ ही दूसरी तिमाही में रेवेन्यू 30.33% बढ़कर 3601 करोड़ रुपए रहा। जुलाई-सितंबर 2023-24 में कंपनी ने 2763 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था। वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से होने वाली कमाई को रेवेन्यू या राजस्व कहा जाता है। स्विगी 13 नवंबर को शेयर बाजार में लिस्ट हुई थी, तब से अब तक इसके शेयर में 18% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है।
वित्त वर्ष 2024 में स्विगी का रेवेन्यू 36% बढ़ा था
वित्त वर्ष 2024 में स्विगी की फाइनेंशियल कंडीशन में भी सुधार हुआ था। FY2024 में स्विगी का रेवेन्यू 36% बढ़कर 11,247 करोड़ रुपए रहा, जो इसके पिछले वित्त वर्ष में 8,265 करोड़ रुपए था।
वहीं कंपनी ने इस दौरान अपने घाटे को भी 44% तक कम कर लिया और वित्त वर्ष 2024 में यह 2,350 करोड़ रुपए रहा, जो इसके पिछले साल 4,179 करोड़ रुपए था। कंपनी को अपनी लागत को काबू में रखने के चलते घाटा कम करने में मदद मिली है।
हालांकि, स्विगी का प्रदर्शन जोमैटो की तुलना में कम है, फिर भी उसने FY24 में अपने प्रतिद्वंद्वी से अंतर को कम किया है। जोमैटो ने वित्त वर्ष 2024 में 12,114 करोड़ रुपए का रेवेन्यू दर्ज किया, जबकि स्विगी का रेवेन्यू 11,247 करोड़ रुपए रहा। इसी तरह, जोमैटो ने 351 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया, जबकि स्विगी का घाटा 2,350 करोड़ रुपए रहा था।