RBI MPC Meet: शेयर बाजार ऊपर जाएगा या नीचे, अक्सर मार्केट इसके लिए किसी इवेंट की ओर देखता है। बाजार उस इवेंट को लेकर अपना अनुमान लगाता है। अगर इवेंट के नतीजे अनुमान के मुताबिक रहते हैं, तो फिर आमतौर एक अच्छी तेजी देखने को मिलती है। वहीं अगर नतीजे अनुमानों के उलट यानी खराब रहे, तो फिर हमें मार्केट धराशायी होता हुआ दिखता है। शेयर बाजार के सामने ऐसा ही एक इवेंट आया है, RBI की मॉनिटिरी पॉलिसी कमेटी यानी MPC की बैठक का।
बाजार को उम्मीद है कि MPC इस बैठक में CRR यानी कैश रिजर्व रेशियो को घटाने का फैसला कर सकती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर CRR में कटौती होती है तो इससे कई बैंकिंग स्टॉक्स की मौज आ सकती है। कौन से होंगे ये स्टॉक्स आइए एक्सपर्ट्स से जानते हैं।
शेयर बाजार में आज 4 दिसंबर को बैंकिंग और फाइनेंशियल शेयरों में गजब की हलचल देखने को मिली। HDFC बैंक, ICICI बैंक और SBI जैसे दिग्गज स्टॉक्स सेंसेक्स में टॉप गेनर्स रहे। वहीं UCO बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया जैसे सरकारी बैंकों के शेयर 8% तक उछल गए।
निफ्टी बैंक और फाइनेंशियल सर्विसेज इंडेक्स भी 1 फीसदी से अधिक उछल गए। इस तेजी की वजह है RBI के मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की तीन-दिवसीय बैठक। यह 3 बैठक आज से शुरू हो गई है और इसके नतीजों शुक्रवार 8 दिसंबर को किया जाएगा।
RBI के सामने इस समय सबसे बड़ी चुनौती महंगाई दर को काबू में करने की है। इसलिए अधिकतर एनालिस्ट्स का मानना है कि RBI महंगाई को काबू में रखने के लिए एक बार फिर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा। लेकिन एक दूसरी समस्या GDP ग्रोथ को लेकर है, जिसकी रफ्तार धीमी हो रही है। सितंबर तिमाही में GDP ग्रोथ सिर्फ 5.4 फीसदी रही।
CRR कटौती का असर
एक्सपर्ट्स का कहना है कि RBI की कमेटी इस मोर्चे पर कुछ उपाय कर सकती है। उन्हें सबसे अधिक उम्मीद Cash Reserve Ratio (CRR) में कटौती होने की है। CRR कटौती का सीधा असर बैंकों के मुनाफे पर होता है। CRR का मतलब है कि बैंकों को कितना कैश अपने पास रखना होता है। वे इस रकम को कर्ज के रूप में नहीं बांट सकते है। अगर आरबीआई सीआरआर कम करता है, तो बैंकों के पास ज्यादा पैसा होगा, जिसे वे कर्ज के रूप में दे सकते हैं।
इससे बाजार में नकदी बढ़ेगी। साथ ही बैंकों को लोन के इंटरेस्ट से अधिक कमाई होगी यानी उनकी नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) बढ़ सकती है और क्रेडिट ग्रोथ भी फिर से पटरी पर आ सकती है। अब सवाल उठता है कि अभी CRR में कितनी कटौती हो सकती है? और इससे किन बैंकों को फायदा हो सकता है?
CRR में कितनी कटौती हो सकती है?
ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म सिटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास शुक्रवार को CRR में 50 बेसिस प्वाइंट्स यानी करीब आधे प्रतिशत की कटौती का ऐलान कर सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर यह ऐलान हुआ तो PNB, SBI और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे PSU बैंकों को सबसे ज्यादा फायदा होगा। वहीं, प्राइवेट बैंकों में HDFC बैंक, एक्सिस बैंक और फेडरल बैंक के लिए भी यह फायदेमंद साबित हो सकता है।
एंजल वन के सीनियर एनालिस्ट आमर देव सिंह ने बताया कि अभी CRR साढ़े 4.5 प्रतिशत पर है। अगर इसमें कटौती होती है तो बैंकों के पास ज्यादा फ्लेक्सिबल रिसोर्सेज होंगे, जिससे उनका प्रॉफिटेबिलिटी बेहतर होगा।
यहां एक और चीज ध्यान देनी होगी कि बाजार खासतौर से बैंकिंग सेक्टर पहले से ही इस उम्मीद में तेजी दिखा रहा है कि RBI इस बार CRR में 25 या 50 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती करेगा। पिछले आठ ट्रेडिंग सेशन्स में Nifty Bank Index में 6% की तेजी आ चुकी है।
एक्सपर्ट्स की इन स्टॉक्स में निवेश की सलाह
अब अगर स्टॉक्स की बात करें तो Stoxbox के अभिषेक पांड्या ने कहा कि इस समय HDFC बैंक, ICICI बैंक और SBI जैसे स्टॉक्स मीडियम से लॉन्ग टर्म निवेश के लिए अच्छे विकल्प बनकर सामने आए हैं। वहीं Reliance Securities के विकास जैन ने कहा कि निवेशकों को इस समय SBI, यूनियन बैंक, केनरा बैंक और RBL बैंक पर ध्यान देना चाहिए और ये सभी मौजूदा स्तर पर काफी अच्छे दिख रहे हैं।
इनके अलावा रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजीत मिश्रा ने सरकारी और प्राइवेट दोनों सेक्टर पर फोकस करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि प्राइवेट बैंकों में HDFC बैंक, फेडरल बैंक और ICICI बैंक अच्छे विकल्प हैं। वहीं PSU बैंकों में SBI और बैंक ऑफ बड़ौदा पर ध्यान देना चाहिए।
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