IPO Market: पिछले महीने नवंबर में आईपीओ मार्केट काफी सुस्त रहा। मेनबोर्ड और एसएमआई, दोनों के आईपीओ सेगमेंट में औसतन सब्सक्रिप्शन लेवल में काफी गिरावट दिखी। प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों के मुताबिक नवम्बर में मेनबोर्ड IPOs के लिए औसतन सब्सक्रिप्शन लेवल 1.9 गुना रहा, जो अक्टूबर में 16 गुना और सितंबर में 76 गुना था। हालांकि इसमें Enviro Infra Engineers के IPO का डेटा शामिल नहीं है जो करीब 90 गुना सब्सक्राइब हुआ था। Enviro को छोड़कर नवम्बर में लॉन्च हुए सभी IPOs को 3.6 गुना तक सब्सक्रिप्शन मिला। नवम्बर में सात कंपनियों के मेनबोर्ड आईपीओ आए जिसमें स्विगी का ₹11,327 करोड़ का आईपीओ और NTPC ग्रीन एनर्जी का ₹10,000 करोड़ का आईपीओ शामिल है।
इस कारण IPO मार्केट में आई सुस्ती
आनंद राठी इन्वेस्टमेंट बैंकिंग के इक्विटी कैपिटल मार्केट्स के डायरेक्टर प्रशांत राव के मुताबिक पिछले महीने वैश्विक स्तर पर जियो-पॉलिटिकल चिंताओं के चलते मार्केट में काफी उतार-चढ़ाव दिखा। इसके अलावा एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशकों) की बिकवाली ने काफी दबाव बनाया, जिसने मार्केट सेंटिमेंट कमजोर हुआ और सिर्प सेकंडरी ही नहीं बल्कि प्राइमरी मार्केट में भी झटका लगा। मेनबोर्ड में पिछले महीने सबसे अधिक बोली स्विगी के आईपीओ को मिली जो ओवरऑल 3 गुना से अधिक सब्सक्राइब हुआ था।
SME IPOs को भी फीका रिस्पांस
सिर्फ मेनबोर्ड ही नहीं बल्कि SME (स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइज) IPOs के लिए भी स्थिति ऐसी ही रही। SME सेगमेंट में पिछले महीने आईपीओ को औसतन 112 गुना सब्सक्रिप्शन रहा, जो कि सितंबर में 242 गुना था। सबसे अधिक सब्सक्रिप्शन राजपूताना बॉयोडीजल के आईपीओ को मिला जोकि 718 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसके बाद सबसे अधिक बोली ओनिक्स बॉयोटेक के आईपीओ को मिली जो 198 गुना सब्सक्राइब हुआ था। एसएमई आईपीओ के सब्सक्रिप्शन को फीके रिस्पांस की वजह रेगुलेटरी सख्ती और इस सेगमेंट पर बढ़ती निगरानी है।
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