Markets

EaseMyTrip: ईजमायट्रिप के लिए मुश्किल है आगे का सफर, क्या आपको इनवेस्ट करना चाहिए?

ईजमायट्रिप (ईएमटी) की बाजार हिस्सेदारी में कमी आ रही है। ऑनलाइन ट्रैवल एजेंट मार्केट में प्रतिस्पर्धा काफी ज्यादा है। ईजमायट्रिप ने अपने बिजनेस के डायवर्सिफिकेशन पर फोकस बढ़ाया है। यह रेव रेवेन्यू के लिहाज से एयर टिकटिंग पर अपनी निर्भरता घटा रही है। इसके लिए इसने कई छोटी-छोटी कंपनियों का अधिग्रहण किया है। इसके कुछ बेहतर नतीजे दिखे हैं। कंपनी का मैनेजमेंट कई तरह के बिजनेस में इनवेस्ट कर रहा है। इनमें होटल में इक्विटी इनवेस्टमेंट, इलेक्ट्रिक बस की मैन्युफैक्चरिंग आदि शामिल हैं। इसके लिए फंड जरूरी है।

EaseMyTrip (EMT) की बाजार हिस्सेदारी लगातार घट रही है। ग्रॉस बुकिंग रेवेन्यू (GBR) के डेटा से इसके संकेत मिले हैं। साल दर साल आधार पर जीबीआर में गिरावट आई है। उधर, MakeMyTrip की ग्रोथ EMT से काफी ज्यादा रही है। मेकमायट्रिप मार्केट लीडर है। बाजार हिस्सेदारी में गिरावट का असर ईएमटी के वित्तीय प्रदर्शन पर भी देखने को मिला है। हालांकि, ईएमटी के रेवेन्यू में फीसदी के लिहाज से जीबीआर की हिस्सेदारी बढ़ी है। इसकी वजह जीबीआर मिक्स में इम्प्रूवमेंट है। जीबीआर में होटल की अच्छी हिस्सेदारी है, जहां टेक रेट/कमीशन ज्यादा है।

नॉन-एयरलाइन रेवेन्यू की हिस्सेदारी में इम्प्रूवमेंट के बावजूद कुल रेवेन्यू में एयर-टिकटिंग रेवेन्यू की हिस्सेदारी घटकर सितंबर तिमाही में 64 फीसदी पर आ गई है। एक साल पहले इसी अवधि में यह 82 फीसदी थी। मार्जिन पर भी दबाव रहा है। EMT का कॉस्ट स्ट्रक्चर अपेक्षाकृत बेहतर है, लेकिन ज्यादा प्रतिस्पर्धा और कई अधिग्रहण की वजह से जीबीआर के फीसदी में कुल कॉस्ट लगातार बढ़ रही है। यह FY24 की दूसरी तिमाही में 3.8 फीसदी से बढ़कर सितंबर तिमाही में 5.2 फीसदी हो गई है। कंपनी की तरफ से ऑफर किया जा रहा ज्यादा डिस्काउंट भी मार्केट में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण है।

 

ईएमटी का दुबई ऑपरेशन अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, लेकिन कंपनी के कुल जीबीआर में इसकी हिस्सेदारी अब भी सिंगल डिजिट में है। इसमें जल्द बदलाव की उम्मीद भी नहीं दिख रही है। कंपनी ने खासकर नॉन-एयरलाइन टिकटिंग स्पेस में पिछले कुछ सालों में कई अधिग्रहण किए हैं। लेकिन, रेगुलर डिसक्लोजर नहीं होने से इन अधिग्रहण से पड़ने वाले असर का अंदाजा लगाना मुश्किल है। कंपनी की डायवर्सिफिकेशन स्ट्रेटेजी को लेकर भी चिंता है। कंपनी ऐसे वक्त अयोध्या में होटल में इक्विटी इनवेस्टमेंट कर रही या इलेक्ट्रिक बस मैन्युफैक्चरिंग में उतर रही है जब इसके मुख्य बिजनेस को चैलेंजेज का सामना करना पड़ रहा है।

MMT के मुकाबले EMT की वैल्यूएशन में काफी डिस्काउंट दिख रहा है। दोनों कंपनियों के प्रदर्शन में अंतर को देखते हुए यह फर्क (डिस्काउंट) और बढ़ सकता है। घटती बाजार हिस्सेदारी, बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और मैनेजमेंट में फोकस का अभाव चिंता पैदा करती है। ट्रैवल और टूरिज्म इंडस्ट्री को लेकर आगे अच्छी संभावनाएं दिख रही हैं। इसका फायदा उठाने के लिए निवेश के लिए EMT से बेहतर विकल्प मौजूद हैं।

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top
NIFTY 50 
₹ 24,467.45  0.04%  
NIFTY BANK 
₹ 53,266.90  1.08%  
S&P BSE SENSEX 
₹ 80,956.33  0.14%  
RELIANCE INDUSTRIES LTD 
₹ 1,308.95  1.08%  
HDFC BANK LTD 
₹ 1,860.10  1.85%  
CIPLA LTD 
₹ 1,500.85  2.15%  
TATA MOTORS LIMITED 
₹ 788.10  1.64%  
STATE BANK OF INDIA 
₹ 859.70  0.67%  
BAJAJ FINANCE LIMITED 
₹ 6,740.00  0.97%  
BHARTI AIRTEL LIMITED 
₹ 1,584.10  2.25%  
WIPRO LTD 
₹ 294.00  0.81%  
ICICI BANK LTD. 
₹ 1,316.05  0.58%  
TATA STEEL LIMITED 
₹ 145.85  0.47%  
HINDALCO INDUSTRIES LTD 
₹ 663.05  0.67%