Share Market Rally: GDP के खराब आंकड़ों के बावजूद शेयर बाजार में आज लगातार तीसरे दिन धुंआधार तेजी देखने को मिली। सेंसेक्स करीब 900 अंक बढ़कर 80,914 पर पहुंच गया। पिछले 3 दिन में इसमें 1700 अंकों या 2 प्रतिशत से भी अधिक की तेजी आ चुकी है। इससे क्या ये संकेत मिल रहा है कि बाजार ने बुरे समय को पीछे छोड़ दिया है? आइए समझते हैं कि इस तेजी के पीछे क्या कारण हैं और निवेशकों को आगे क्या करना चाहिए।
भारत सरकार ने पिछले शुक्रवार को देश की जीडीपी का आंकड़ा जारी किया। सरकार ने बताया कि सितंबर तिमाही में GDP ग्रोथ सिर्फ 5.4% रही, जो पिछले सात तिमाहियों का इसका सबसे निचला स्तर है। हालांकि इस बुरे खबर का शेयर बाजार पर कोई असर नहीं दिखा। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कमजोर GDP ग्रोथ के बावजूद बाजार में इतनी तेजी क्यों है?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह आंकड़ा पहले से ही डिस्काउंट हो चुका था यानी बाजार पहले ही इसकी आशंका जताकर रिएक्ट कर चुका था। अक्टूबर-नवंबर में जो करेक्शन देखा गया और सितंबर तिमाही के कमजोर कॉरपोरेट नतीजों ने इन चिंताओं को पहले ही समाहित कर लिया था।
इसकी जगह बाजार की नजर अब इस सप्ताह के अंत में होने वाली भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की बैठक पर है। इस बैठक में RBI की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी ब्याज दरों को लेकर फैसला करेगी, जिसका मार्केट इंतजार कर रहा है। इसके चलते बाजार का फोकस डिफेंसिव की जगह ब्याज दरों से जुड़े सेक्टर की ओर हो गया है।
सोमवार 2 दिसंबर को फार्मा, हेल्थकेयर और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स जैसे डिफेंसिव शेयरों ने तेजी की अगुआई की थी। लेकिन आज मंगलवार की तेजी की अगुआई बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज, मेटल्स और ऑयल एंड गैस शेयरों ने की, जिन पर ब्याज दरों के बदलाव का अधिक असर देखने को मिलता है। Bank Nifty तो 1% तक बढ़ गया।
गोल्डीलॉक्स प्रीमियम रिसर्च के फाउंडर, गौतम शाह का कहना है कि, ‘मार्केट के अंदरूनी संकेत मजबूत हैं और इंडेक्स ने नेगेटिव न्यूज को अच्छे से हैंडल किया है।” उनका मानना है कि इस बदले माहौल में बैंकिंग सेक्टर आउटपरफॉर्म कर सकता है और Bank Nifty का 55,000 के टारगेट तक जा सकता है।”
फंड मैनेजर कुणाल रंभिया का मानना है कि शेयर बाजार में कमजोर आर्थिक आंकड़ों के चलते पिछले महीने ही करेक्शन देखने को मिल चुका है। उन्होंने कहा कि सभी की नजरें RBI की इस हफ्ते आने वाली पॉलिसी पर हैं। निवेशकों को उम्मीद है कि RBI गवर्नर के भाषण में GDP को लेकर क्लियर गाइडेंस मिलेगा, जो मार्केट की दिशा को और स्पष्ट करेगा।
अब बात करते हैं Nifty के अहम लेवल्स की। एक्सपर्ट्स का कहना है कि निफ्टी के लिए 24,500 का लेवल काफी अहम रहने वाला है। अगर Nifty इस स्तर को बनाए रखता है, तो बाजार में और मजबूती देखने को मिल सकती है। गौतम शाह ने कहा कि इस स्तर से ऊपर लगातार बने रहने से यह पुष्टि होगी कि बाजार की यह रैली टिकाऊ रहने वाली है।
वहीं कुणाल ने कहा कि बाजार में अभी तेजी इसलिए आ रही है क्योंकि निवेशकों को उम्मीद है कि उन्हें इस हफ्ते के अंत में मॉनिटरी पॉलिसी पर RBI की ओर से स्पष्टता देखने को मिल सकती है। उन्होंने कहा कि बाजार शायद शॉर्ट-टर्म के लिए अपने निचले स्तर पर पहुंच गया है। अगर अगर निफ्टी 24,500 से ऊपर बना रहता है तो भरोसा और बढ़ेगा।
इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की ओर से बिकवाली धीमी होने के चलते सेंटीमेंट बेहतर हुआ है। FIIs अभी भी बिकवाली कर रहे हैं, लेकिन अब उनकी रफ्तार काफी धीमी हो चुकी है।
ऐसे में अब सवाल बनता है कि निवेशकों को क्या करना चाहिए?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि निवेशकों को Nifty के 24,500 के लेवल को ध्यान में रखना चाहिए। अगर यह स्तर बना रहता है, तो तेजी का ट्रेंड बरकरार रहेगा। वहीं RBI बैठक के नतीजों के बाद बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर पर फोकस बढ़ सकता है।
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