सेंको गोल्ड का प्रदर्शन दूसरी तिमाही में अच्छा रहा है। इसमें स्ट्रॉन्ग डिमांड और अच्छे ऑपरेटिंग मार्जिन का हाथ रहा। कस्टम ड्यूटी घटने का इनवेंट्री पर निगेटिव असर के बावजूद कंपनी के सितंबर तिमाही के नतीजे अच्छे रहे। इस साल जुलाई में यूनियन बजट में सरकार ने गोल्ड पर कस्टम ड्यूटी 15 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी कर दी थी। इसका कंपनी पर खराब असर पड़ा, क्योंकि कंपनी ने इस ऐलान से पहले की खरीदारी पर ज्यादा इंपोर्ट ड्यूटी चुकाई थी। कस्टम ड्यूटी घटने के बाद गोल्ड ज्वैलरी की डिमांड बढ़ी। फेस्टिव सीजन में भी डिमांड स्ट्रॉन्ग बनी रही। इससे FY25 की दूसरी छमाही में कंपनी का प्रदर्शन अच्छा रहने की उम्मीद है।
गोल्ड पर इंपोर्ट ड्यूटी घटने से गोल्ड ज्वैलरी मार्केट में Senco Gold (SGL) जैसे ऑर्गेनाइज्ड प्लेयर की हिस्सेदारी बढ़ रही है। इसकी वजह यह है कि इंपोर्ट ड्यूटी घटने से ऑर्गेनाइज्ड और अनऑर्गेनाइज्ड सेगमेंट के बीच का फर्क घटा है। SGL ज्वैलरी मार्केट में अपनी पैठ बढ़ाने के लिए अपने नेटवर्क को मजबूत बना रही है। लैब में तैयार डायमंड्स (LGD) और फैशन एक्सेसरीज पर फोकस बढ़ाने का फायदा भी कंपनी को मिलेगा। SGL उन कुछ लिस्टेड ज्वैलरी कंपनियों में शामिल है, जिनका प्रदर्शन बेहतर रहने की उम्मीद है।
सितंबर तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू साल दर साल आधार पर 31 फीसदी बढ़ा है। कंपनी की सेम स्टोर सेल्स ग्रोथ (SSSG) 17 फीसदी रही। कंपनी ने कहा है कि टियर 3 और टियर 4 शहरों में डिमांड अपेक्षाकृत मजबूत रही। इन शहरों में कंपनी फ्रेंचाइजी मॉडल में ऑपरेट कर रही है। कस्टम ड्यूटी घटने से कंपनी को करीब 30 करोड़ रुपये का इनवेंट्री लॉस हुआ। इसके बावजूद ग्रॉस मार्जिन साल दर साल आधार परर 50 बेसिस प्वाइंट्स बढ़ा।
कंपनी ने QIP के जरिए 500 करोड़ रुपये जुटाने का प्लान बनाया है। कंपनी इस फंड का इस्तेमाल वर्किंग कैपिटल की जरूरतें पूरी करने के लिए करेगी। 3 दिसंबर को Senco Gold के स्टॉक का प्राइस 12 बजे मामूली तेजी के साथ 1,152 रुपये था। FY26 की अनुमानित अर्निंग्स के 32 गुना पर शेयर में ट्रेडिंग हो रही है। आगे कंपनी की अच्छी अर्निंग्स ग्रोथ को देखते हुए इनवेस्टर्स सेंको गोल्ड के शेयरों में इनवेस्ट कर सकते हैं।