आम तौर पर मार्केट में बड़ी गिरावट आने पर निवेश के शानदार मौके होते हैं। लेकिन, इस बार ऐसा नहीं है। अक्टूबर की शुरुआत से ही स्टॉक मार्केट में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। इससे मार्केट के प्रमुख सूचकांक अपने ऑल-टाइम हाई से काफी नीचे आ चुके हैं। कई स्टॉक्स की कीमतें भी हाई लेवल से नीचे आई है। इसके बावजूद निवेश के मौके काफी सीमित हैं। कोटक इक्विटीज ने अपनी रिपोर्ट में इस बारे में बताया है। उसने कहा है कि निफ्टी 50 अपने ऑल-टाइम हाई से 7 फीसदी गिर चुका है, जबकि निफ्टी मिडकैप 100 में 6 फीसदी गिरावट आई है। निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 4 फीसदी गिरावट आई है।
इन दो सेक्टर्स में सबसे ज्यादा करेक्शन
सबसे ज्यादा करेक्शन दो सेगमेंट- कंजम्प्शन से जुड़े सेक्टर और ‘नैरेटिव ड्रिवेन सेक्टर’में देखने को मिला है। इन दोनों सेक्टर में वैल्यूएशन हाई लेवल से नीचे आई है, लेकिन अब भी यह ज्यादा है। कोटक इक्विटीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि कई सेक्टरर में अब भी शेयरों की कीमतों और इंट्रिनसिक वैल्यू के बीच तालमेल नहीं दिख रहा है। खासकर कंजम्प्शन से जुड़े लार्जकैप और मिडकैप स्टॉक्स में वैल्यूएशन अब भी ज्यादा बनी हुई है। बताया जाता है कि FY26-27 में ही अर्निंग्स में रिकवरी देखने को मिलेगी।
गिरावट के बाद भी वैल्यूएशन ज्यादा
नैरेटिव स्टॉक्स की कीमतों में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली है। नैरेटिव स्टॉक्स का मतलब ऐसे शेयरों से है जिनके बेहतर प्रदर्शन की सबसे ज्यादा उम्मीद जताई जा रही थी। पिछले 3-6 महीनों में ऐसे स्टॉक्स में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। रेलवे और डिफेंस सेक्टर्स इसके उदाहरण हैं। एक्सपर्ट्स इन स्टॉक्स की संभावनाओं पर फिर से विचार कर रहे हैं। इन स्टॉक्स की वैल्यूएशन अब भी ज्यादा बनी हुई है।
निवेश में सावधानी बरतने की जरूरत
एक्सपर्ट्स का कहना है कि कई इनवेस्टर्स गिरावट के मौके का इस्तेमाल खरीदारी के लिए करना चाहते हैं। ऐसे निवेशकों को यह देखने की जरूरत है कि वे जिस स्टॉक को खरीदने जा रहे हैं उसकी वैल्यूएशन गिरावट के बाद अट्रैक्टिव लेवल पर आई है या नहीं। निवेशक अगर ज्यादा वैल्यूएशन पर किसी स्टॉक में इनवेस्ट करता है तो स्टॉक से रिटर्न कमाने की उसकी संभावना सीमित हो जाती है।