देश की सबसे बड़ी कंज्यूमर फाइनेंस कंपनी बजाज फाइनेंस ने नियर-टर्म के लिए अपने को-ब्रांडिंग क्रेडिट कार्ड बिजनेस पर रोक लगा दी है। मनीकंट्रोल को खबर मिली है कि फाइनेंस कंपनी क्रेडिट कार्ड के लिए बैंकों के साथ नए कॉन्ट्रैक्ट साइन नहीं करेगी। रिपोर्ट के अनुसार सूत्रों ने बताया कि अगर रेगुलेटरी मंजूरी मिल जाती है तो बजाज फाइनेंस बैंक के साथ पार्टनरशिप करने के बजाय अपनी खुद की क्रेडिट कार्ड लाइन शुरू कर सकती है।
रिपोर्ट के मुताबिक, को-ब्रांडेड कार्ड बिजनेस को रोकने या उससे बाहर निकलने का फैसला रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा अप्रैल 2022 से लागू किए गए संशोधित क्रेडिट कार्ड नियमों की वजह से लिया गया है। यह गाइडलाइन नॉन-बैंक को-ब्रांडिंग पार्टनर को सिर्फ कार्ड के निर्माता (Originator) तक सीमित कर देती है। इसका मतलब यह है कि NBFC को को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड बिजनेस में मार्केटिंग एंड डिस्ट्रिब्यूशन की भूमिका निभाने तक सीमित कर दिया गया है जबकि डेटा रिटेंशन, कलेक्शन, क्रेडिट मूल्यांकन अंडरराइटिंग बैंकों के पास हैं।
सूत्रों के मुताबिक, नए नियमों की वजह से बजाज फाइनेंस के लिए को-ब्रांडेड कार्ड बिजनेस को आगे बढ़ाने का कोई रास्ता नहीं बचा है। रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि इसमें को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड रणनीतिक रूप से इसके बिजनेस लाइन के अनुकूल नहीं हैं और इसे कंपनी की बड़ी योजना में सब-स्केल के रूप में भी देखा जाता है।
आरबीएल बैंक और बजाज फाइनेंस के बीच को-ब्रांडेड पार्टनरशिप, बैंक और एनबीएफसी के बीच अपनी तरह की पहली पार्टनरशिप थी और यह 2017 से चली आ रही है। 34 लाख को-ब्रांडेड कार्ड के साथ बजाज फाइनेंस और आरबीएल बैंक के बीच साझेदारी इस सेगमेंट में सबसे बड़ी साझेदारी में से एक है। शुरू में यह पांच साल का कॉन्ट्रैक्ट था, जिसे बाद में पिछले साल दिसंबर में केवल एक और साल के लिए रेगुलेटरी मंजूरी मिली। बजाज फाइनेंस और आरबीएल बैंक ने हाल में अपनी पार्टनरशिप खत्म करने का फैसला किया है।