RBI MPC Repo rate: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इस हफ्ते के अंत में लगातार 11वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला कर सकता है। मनीकंट्रोल के एक पोल में यह अनुमान जताया गया है। इस पोल में 15 अर्थशास्त्रियों, बैंकरों और फंड मैनेजरों ने भाग लिया। बता दें कि आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की आगामी 4 से 6 दिसंबर के बीच बैठक होगी। पोल के मुताबिक, मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी इस बैठक में रेपो रेट को लगातार 11वीं बार 6.5% पर बरकरार रखने का फैसला कर सकती है।
दरों को बरकरार रखने का यह फैसला ऐसे समय में किया जाएगा, जब सितंबर महीने में देश की GDP ग्रोथ घटकर अपने करीब दो साल के सबसे निचले स्तर 5.4 प्रतिशत पर आ गई है। खासतौर से मैन्युफैक्चरिंग और कंज्म्पशन सेक्टर की ग्रोथ में गिरावट देखने को मिली है।
MPC की हर दो महीने में एक बार बैठक होती है, जिसमें वह रेपो रेट और मॉनिटरी पॉलिसी से जुड़ी अन्य पहलुओं पर विचार करती है। इस आगामी बैठक 4 दिसंबर से शुरू होने वाली है। बैठक के नतीजों का ऐलान 6 दिसंबर को किया जाएगा।
अधिकांश एक्सपर्ट्स ने कहा कि केंद्रीय बैंक दिसंबर की बैठक में अपना रुख नहीं बदलेगा और इसे “तटस्थ” बनाए रखेगा। हालांकि, एक पोल में शामिल एक एक्सपर्ट को उम्मीद थी कि RBI अपना रुख “तटस्थ” से बदलकर “एकोमोडेटिव” कर सकता है। टाटा एसेट मैनेजमेंट के हेड-फिक्स्ड इनकम मूर्ति नागराजन ने कहा, “महंगाई दर के आगे चलकर 4 प्रतिशत के दायरे में रहने की उम्मीद है। ऐसे में इसके रुख के एकोमोडेटिव रहने की उम्मीद है”
रेपो रेट वह दर होती है, जिसमें RBI बाकी बैंकों को पैसा उधार देता है। इससे पहले अक्टूबर में हुई बैठक के दौरान RBI ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा था, लेकिन अपने रुख को “अनुकूलता वापस लेने” से बदलकर “न्यूट्रल” कर दिया। साथ ही इसने स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी (SDF) दर 6.25 प्रतिशत और मॉर्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) दर और बैंक रेट 6.75 प्रतिशत पर बरकरार रखा।
RBI की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने पिछले 10 बैठकों से रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा है। यह बताता है कि इसका तत्काल फोकस महंगाई दर को उसके लक्ष्य तक या उससे नीचे लाने पर है।
महंगाई अनुमानों में हो सकती है बढ़ोतरी
अधिकरत अर्थशास्त्रियों और बैंकरों ने कहा कि पिछले कुछ महीनों के आंकड़ों को देखते हुए RBI इस बैठक में अपने महंगाई दर के अनुमानों में बदलाव कर सकता है। IDFC फर्स्ट बैंक के इकोनॉमिस्ट, गौरा सेनगुप्ता ने कहा, “फूड इंफ्लेशन में बढ़ोतरी के कारण वित्त वर्ष 2025 के लिए हमें RBI के 4.5 प्रतिशत के महंगाई दर अनुमान में बढ़ोतरी का जोखिम दिखता है। पूरे साल का अनुमान 5 प्रतिशत के करीब हो सकता है। सप्लाई मोर्च पर लगातार मिल रहे झटकों ने कीमतों को ऊंचा रखा है। पिछले साल असमान बारिश ने इस साल अनाज और दालों की कीमतों को ऊंचा रखा है। ऐसे में हमें CPI अनुमान में कुछ बढ़ोतरी की उम्मीद है।”
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