29 नवंबर को खत्म हुए सप्ताह में कमोडिटी मार्केट की परफॉरमेंस मिलीजुली रही। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर एनर्जी, मेटल और कीमती मेटल्स की कीमतों में बड़े बदलाव हुए। वैश्विक आर्थिक मंदी आ सकने को लेकर चिंताओं के कारण कच्चे तेल में 3.6 प्रतिशत की तेज गिरावट देखी गई। इसके अलावा भू-राजनीतिक तनाव कम होने से रिस्क प्रीमियम कम हो गया, जो तेल की कीमतों में दिखा। कोटक सिक्योरिटीज में कमोडिटी और करेंसी रिसर्च के हेड अनिंद्य बनर्जी का कहना है कि आने वाले सप्ताह में कच्चे तेल की कीमतों पर दबाव बना रह सकता है और यह 5600-6100 रुपये प्रति बैरल के बीच ट्रेड कर सकता है।
बनर्जी के मुताबिक, कमजोर औद्योगिक मांग, विशेष रूप से चीन से डिमांड में कमी के कारण एल्यूमीनियम में 2.1 प्रतिशत की गिरावट आई। मैन्युफैक्चरिंग में चल रही मंदी के कारण कीमतों पर दबाव बना हुआ है। निकट भविष्य में एल्यूमीनियम की कीमतों के सीमित दायरे में रहने की अनुमान है। चीन, इंडस्ट्रियल मेटल्स के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा कंज्यूमर है।
सोने और चांदी से क्या उम्मीद
पिछले सप्ताह मजबूत अमेरिकी डॉलर के कारण सोने की कीमतों में 1.6 प्रतिशत की गिरावट आई। हालांकि, दिसंबर में फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों के कारण अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में तेज गिरावट आई और इससे सोने को अपने साप्ताहिक निचले स्तर से उबरने में मदद मिली। बनर्जी के मुताबिक, हमारा सोने पर बुलिश आउटलुक बरकरार है। इसकी कीमत MCX पर 77,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक बढ़ सकती है।
औद्योगिक और कीमती धातु के रूप में अपनी दोहरी भूमिका को संतुलित करते हुए चांदी में 0.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। इंडस्ट्रियल एप्लीकेशंस ने चांदी को कुछ हद तक सपोर्ट दिया। बनर्जी को उम्मीद है कि चांदी की कीमतें MCX पर 93,000 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ सकती हैं।
तांबे, जिंक और नेचुरल गैस को लेकर क्या अनुमान
तांबे में 0.6 प्रतिशत की मामूली गिरावट दर्ज की गई, क्योंकि विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं में इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च ने कुछ हद तक सपोर्ट दिया है। हालांकि, चीन से मांग को लेकर लगातार चिंताओं के साथ-साथ चिली से सप्लाई में इजाफे ने सतर्क भावना को और बढ़ा दिया। चिली का उत्पादन उम्मीदों से अधिक रहा, जिससे वैश्विक आपूर्ति दबाव कम हुआ और तांबे की कीमतों में बढ़ोतरी सीमित रही। तांबे की कीमतें शॉर्ट टर्म में सीमित रहने की संभावना है।
बनर्जी का कहना है कि प्राकृतिक गैस (Natural Gas) की कीमतों में 1.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जो प्रमुख क्षेत्रों में अचानक से ठंडे मौसम के कारण हुई। इसके चलते हीटिंग की मांग में वृद्धि हुई। मजबूत निर्यात मांग और लोअर स्टोरेज लेवल्स ने भी कीमतों को सपोर्ट दिया। प्राकृतिक गैस की कीमतें और बढ़कर 295 रुपये तक जा सकती हैं।
जिंक की कीमतों में 1.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो सप्लाई की स्थिति को मजबूत करने से बढ़ी। रूस पर पश्चिमी प्रतिबंधों ने ओजर्नोय खदान में उत्पादन में रुकावट डाली है, जबकि अन्य वैश्विक खदानों में अतिरिक्त रुकावटों ने आपूर्ति बाधाओं को बढ़ा दिया है। यह तंग सप्लाई सिनेरियो कीमतों को ऊंचा रख रहा है। निकट भविष्य में जिंक की कीमतें स्थिर रहने की उम्मीद है और MCX पर ये 300 रुपये प्रति किलोग्राम को पार कर सकती हैं।
नए सप्ताह में कौन से फैक्टर्स पर रहेगी नजर
आगे की बात करें तो नया शुरू हो रहा सप्ताह महत्वपूर्ण है। इसमें कई प्रमुख आर्थिक डेटा रिलीज हो सकते हैं, जो कमोडिटी बाजारों को प्रभावित कर सकते हैं। अमेरिका में 6 दिसंबर को आने वाली नवंबर की रोजगार रिपोर्ट, श्रम बाजार की स्थितियों के बारे में जानकारी देगी। सप्ताह की शुरुआत में ADP एंप्लॉयमेंट रिपोर्ट और ISM मैन्युफैक्चरिंग एंड सर्विसेज इंडेक्स, आर्थिक गतिविधि के स्नैपशॉट प्रदान करेंगे। चीन में, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज PMI 1 और 3 दिसंबर को सामने आएगा, जो बेस मेटल्स की मांग का अंदाजा लगाने के लिए महत्वपूर्ण है। 5 दिसंबर को यूरोजोन खुदरा बिक्री के आंकड़े जारी होंगे, जो उपभोक्ता खर्च के ट्रेंड और एनर्जी और इंडस्ट्रियल्स कमोडिटीज पर इन ट्रेंड्स के असर को दर्शाएंगे। इसके अलावा भू-राजनीतिक तनाव, केंद्रीय बैंकों की नीतियों, ओपेक+ घोषणाओं और यूएस इनवेंट्री डेटा से जुड़े डेवलपमेंट, बाजार के सेंटिमेंट को आकार देने में अहम होंगे।
Disclaimer: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए सलाह या विचार एक्सपर्ट/ब्रोकरेज फर्म के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदायी नहीं है। यूजर्स को stock market news की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले हमेशा सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।