Adani Group Stocks: अदाणी ग्रुप की तीन कंपनियों- अदाणी ग्रीन एनर्जी, अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस, और अदाणी टोटल गैस के शेयरों में आज 29 नवंबर को जबरदस्त तेजी देखी गई। कारोबार के दौरान ये शेयर 14% तक चढ़ गए। यह तेजी इस खबर के बाद आई कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने इन तीनों शेयरों को आज से फ्यूचर्स एंड ऑप्शन्स (F&O) सेगमेंट में शामिल कर दिया है। यानी अब ट्रेडर्स अदाणी ग्रुप के इन 3 शेयरों में भी आज से फ्यूचर्स एंड ऑप्शन्स (F&O) ट्रेडिंग कर सकेंगे।
NSE के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO आशीष चौहान ने F&O सेगमेंट में शामिल होने के मापदंडों पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह प्रक्रिया एल्गोरिदम पर आधारित होती है। किसी स्टॉक्स को F&O सेगमेंट में तभी शामिल किया जाता है जब उसेके ट्रेडिंग वॉल्यूम में बढ़ी हुई लिक्विडिटी दिखती है और डेरिवेटिव सेगमेंट के लिए वे पर्याप्त रूप से बड़े हो जाते हैं।
अदाणी ग्रुप के तीनों शेयरों में, अदाणी ग्रीन एनर्जी के शेयरों में आज सबसे अधिक 14 फीसदी तक की उछाल देख गई। यह लगातार तीसरा दिन है, जब शेयर तेजी के साथ कारोबार कर रहा है। वहीं अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस के शेयरों में 12% तक का इजाफा देखा गया। जबकि अदाणी टोटल गैस का शेयर करीब 6% की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा था।
F&O सेगमेंट में शामिल होने के बाद तीनों शेयरों के ट्रेडिंग वॉल्यूम में भारी इजाफा देखने को मिला। कारोबार के पहले घंटे में ही इनके एक महीने का औसत डेली वॉल्यूम के करीब आधे का कारोबार हो चुका था। बता दें कि F&O सेगमेंट में शामिल होना किसी भी स्टॉक के लिए निफ्टी-50 इंडेक्स में जगह बनाने की अनिवार्य शर्त है। इसके अलावा, यह स्टॉक की लिक्विडिटी बढ़ाने और निवेशकों को हेजिंग और स्पेकुलेटिव ट्रेडिंग दोनों के विकल्प मुहैया कराने में मदद करता है।
अदाणी ग्रुप पर जापानी बैंकों का भरोसा बरकरार
इस बीच, ब्लूमबर्ग ने 29 नवंबर को एक रिपोर्ट में बताया कि जापान के अधिकतर बड़े बैंकों ने अदाणी ग्रुप के साथ अपने संबंध बनाए रखने का फैसला किया है। मिज़ुहो फाइनेंशियल ग्रुप का कहना है कि अदाणी ग्रुप के फाउंडर के खिलाफ अमेरिकी कोर्ट में जो आरोप लगे हैं, उसका लंबी अवधि में कोई असर नहीं होगा और वे अदाणी ग्रुप का समर्थन जारी रखेंगे। वहीं सुमितोमो मित्सुई फाइनेंशियल ग्रुप और मित्सुबिशी यूएफजे फाइनेंशियल ग्रुप ने भी संकेत दिया है कि वे अदाणी ग्रुप को फाइनेंस मुहैया करना जारी रखेंगे और भविष्य में जरूरत पड़ने पर नए फंड मुहैया कराने के लिए तैयार हैं।