इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPOs) से पैसा जुटाने के मामले में यह साल रिकॉर्ड बनाता हुआ दिख सकता है। लेकिन रिटर्न के मामले में यह साल निवेशकों के लिए मिलाजुला अनुभव वाला साबित हो रहा है। आंकड़ों के मुताबिक, इस साल बाजार में लिस्ट हुईं 40% कंपनियों के शेयर घाटे में यानी अपने IPO प्राइस से नीचे कारोबार कर रहे हैं। इस साल शेयर बाजार में लिस्ट हुई दो दर्जन से अधिक कंपनियां अक्टूबर में शुरू हुए करेक्शन के बाद अपने IPO प्राइस से नीचे चली गईं। सबसे अहम बात यह है कि इस सूची में वे कंपनियां भी शामिल हैं जिन्होंने लिस्टिंग के दिन शानदार मुनाफे के साथ कारोबार की शुरुआत की थी।
इकोज इंडिया मोबिलिटी (ECOS India Mobility), एपीजे सुरेंद्र पार्क होटल्स (Apeejay Surrendra Park Hotels), सरस्वती साड़ी डिपो (Saraswati Saree Depot), नॉर्दर्न एआरसी कैपिटल (Northern ARC Capital), और ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (Ola Electric Mobility) जैसी कंपनियां फिलहाल अपने अपने इश्यू प्राइस से नीचे ट्रेड कर रही हैं।
उदाहरण के लिए, इकोज इंडिया मोबिलिटी का शेयर लिस्टिंग के दिन 33% की बढ़त के साथ बंद हुआ था, लेकिन अब यह अपने इश्यू प्राइस से 1% नीचे ट्रेड कर रहा है। वहीं एपीजे सुरेंद्र पार्क होटल्स और सरस्वती साड़ी डिपो के शेयर लिस्टिंग के दिन 31 फीसदी तक चढ़ गए थे, अब क्रमशः 4% और 25% डिस्काउंट पर ट्रेड कर रहे हैं। नार्दन ARC कैपिटल और ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में लिस्टिंग के दिन क्रमश: 23 फीसदी और 20% की तेजी देखी गई, लेकिन अब ये दोनों शेयर अपने इश्यू प्राइस से 10% नीचे हैं।
कुल मिलाकर, इस साल अब तक 75 कंपनियां अपना IPOs ला चुकी है और उन्होंने 1.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाई है।
SAMCO Securities के अपूर्व शेठ का कहना है कि प्राइमरी मार्केट का प्रदर्शन सीधे तौर पर सेकेंडरी मार्केट से जुड़ा हुआ है। अगर शेयर बाजार में गिरावट आएगी, तो उसका असर IPO मार्केट पर भी दिखेगा। सेंसेक्स और निफ्टी में हालिया रिकॉर्ड हाई से काफी गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि बाजार के सेंटीमेंट में बदलाव, आईपीओ की आक्रामक प्राइसिंग और घटते लिस्टिंग लाभ के चलते नई कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन कमजोर हुआ है।
सेंसेक्स और निफ्टी सितंबर 2024 के रिकॉर्ड हाई के बाद से 10% लुढ़क चुके हैं। वहीं बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स भी 8-9% तक नीचे आया है। इसके अलावा, अक्टूबर से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की निकासी और अमेरिका में बढ़ती बॉन्ड यील्ड्स ने भारतीय बाजारों में बिकवाली और तेज कर दिया है।
जिन कंपनियों के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट देखने को मिली है, उनमें पॉपुलर व्हीकल्स एंड सर्विसेज का नाम सबसे ऊपर है। इसकी लिस्टिंग 6% के डिस्काउंट पर हुई थी और अभी यह शेयर 46% नीचे कारोबार कर रहा है। इसके बाद कैपिटल स्मॉल फाइनेंस बैंक और एक्मे फिनट्रेड इंडिया का नंबर आता है, जो फिलहाल अपने लिस्टिंग प्राइस से क्रमशः 38% और 32% नीचे हैं।
बाकी शेयरों में वेस्टर्न कैरियर्स (31% नीचे), आर के स्वामी (29% नीचे) और दीपक बिल्डर्स एंड इंजीनियर्स इंडिया (26% नीचे) और सरस्वती साड़ी डिपो (25% नीचे) शामिल हैं, जो अपने इश्यू प्राइस से काफी नीचे कारोबार कर रहे हैं।
हालांकि कई कंपनियों के शेयर अभी भी अपने इश्यू प्राइस से ऊपर बने हुए हैं। इसमें एंटरो हेल्थकेयर, व्रज आयरन एंड स्टील, अर्केड डेवलपर्स, स्विगी, एफकॉन्स इन्फ्रास्ट्रक्चर और गोपाल स्नैक्स जैसे नाम शामिल है। ये सभी अपने IPO प्राइस से थोड़ ऊपर कारोबार कर रहे हैं।
Mehta Equities के रिसर्च एनालिस्ट प्रशांत तापसे ने कहा कि निवेशक शेयर बाजार में जारी मौजूदा अस्थिरता को देखते हुए जोखिम लेने से बच रहे हैं। इसका असर हाल में आए कुछ IPO में निवेशकों की कम दिलचस्पी और कमजोर सब्सक्रिप्शन में देखा जा सकता है।
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