प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महाराष्ट्र विधान सभा में प्रचंड जीत के बाद बेंचमार्क सूचकांकों में आज लगातार दूसरे दिन तेजी देखी गई। इसके साथ ही एमएससीआई पुनर्संतुलन के चलते विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की पैसिव लिवाली से भी बाजार को दम मिला।
सेंसेक्स 993 अंक या 1.3 फीसदी की तेजी के साथ 80,110 पर बंद हुआ। निफ्टी 315 अंक या 1.3 फीसदी चढ़कर 24,222 पर बंद हुआ। 11 सत्रों के बाद सेंसेक्स दोबारा 80,000 के स्तर पर पहुंचा है। बीते दो सत्र में सेंसेक्स 3.8 फीसदी और निफ्टी 3.7 फीसदी चढ़ा है।
विदेशी निवेशकों ने 9,948 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे, जो 20 सितंबर के बाद सबसे बड़ी लिवाली है। 27 सितंबर से विदेशी निवेशक शुद्ध बिकवाल बने हुए हैं। इस बीच घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 6,907 करोड़ रुपये की बिकवाली की, जो एक दिन में उसकी ओर से की गई सबसे बड़ी बिकवाली है।
विशेषज्ञों ने कहा कि एमएससीआई लिवाली के कारण संस्थागत निवेशकों की ओर से खरीदारी हुई है और बिकवाली के रूझान में कोई बदलाव नहीं आया है। एचडीएफसी बैंक में 2.2 फीसदी की तेजी आई और सेंसेक्स और निफ्टी की बढ़त में इसका योगदान सबसे ज्यादा रहा। सिटीबैंक द्वारा रेटिंग बढ़ाए जाने से रिलायंस इंडस्ट्रीज भी 2 फीसदी बढ़त पर बंद हुआ।
एवेंडस कैपिटल पब्लिक मार्केट्स अल्टरनेट स्टैटजीज के सीईओ एंड्रयू हॉलैंड ने कहा, ‘विदेशी निवेशकों की लिवाली मुख्य रूप से एमएससीआई खरीदारी के कारण हुई है। इसके साथ ही चुनाव के नतीजों से भी बाजार में थोड़ी तेजी आई।’
अदाणी समूह के शेयरों का प्रदर्शन मिला-जुला रहा। समूह के 5 शेयर लाभ में और 5 गिरावट में बंद हुए। अदाणी समूह के शेयरों में एसीसी में सबसे ज्यादा 2.5 फीसदी की तेजी आई। अदाणी ग्रीन 8.1 फीसदी गिरावट पर बंद हुआ। महाराष्ट्र चुनावों में भाजपा की शानदार जीत के बाद पूंजीगत व्यय बढ़ने की उम्मीद से बुनियादी ढांचा और रियल एस्टेट कंपनियों के शेयरों में भी तेजी देखी गई।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘बाजार में चौतरफा तेजी देखी गई जबकि पूंजीगत खर्च से संबंधित क्षेत्रों जैसे बुनियादी ढांचा, पूंजीगत वस्तुओं और औद्योगिक क्षेत्रों का प्रदर्शन अपेक्षाकृत बेहतर रहा। अच्छे मॉनसून, त्योहार और शादी-विवाह के मौसम से दूसरी छमाही में संभावनाएं बेहतर दिख रही हैं। इससे दूसरी तिमाही में कंपनियों की आय में गिरावट का असर थोड़ा कम हो सकता है।’
अमेरिका में 10 वर्षीय बॉन्ड की यील्ड घटकर 4.36 फीसदी रह गई। डॉलर सूचकांक भी 0.4 फीसदी नीचे 1.287 पर कारोबार कर रहा था। ब्रेंट क्रूड 1.1 फीसदी नरम होकर 74.5 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।