धान खरीफ की प्रमुख फसलों में से एक है। धान का इतिहास भी हजारों साल पुराना है। काला नमक धान भी ऐसी ही प्रजातियों में से एक है। इसका इतिहास करीब 2600 साल पुराना माना जाता है। अब यह काला नामक धान की खेती पूरे देश में सुर्खियां बटोर रही है। दरअसल, दिल्ली के प्रगति मैदान में ट्रेड फेयर चल रहा है। यहां सिद्धार्थनगर से दिलीप चौहान ने अपने काला नमक चावल की स्टाल लगाई है। उनके स्टाल पर अनोखे चावल खरीदने के लिए लोगों की काफी भीड़ देखने को मिल रही है। सिद्धार्थ पेशे से सीए हैं। 12 साल तक नौकरी करने के बाद अब खेती करने लगे हैं।
बता दें कि काला नमक का इतिहास करीब 2600 साल पुराना है। काला नमक धान की खेती भगवान बुद्ध के समय में भी की जाती थी। कहा जाता है कि भगवान बुद्ध ने कपिलवस्तु की तराई में अपने शिष्यों को यह चावल सौंप दिया था। इसके साथ ही कहा कि इसकी खुशबू और गुणवत्ता उनकी याद दिलाएगी। इसी वजह से काला नमक धान को कुछ लोग बुद्ध का प्रसाद भी मानते हैं।
CA दिलीप बन गए किसान, कर रहे हैं मोटी कमाई
लोकल 18 से बातचीत करते हुए दिलीप चौहान ने कहा कि 12 साल की CA की जॉब छोड़ कर अपने गांव में काला नमक चावल की खेती शुरू कर दी है। इससे किसानों की भी मदद हो रही है। आज भारत से लेकर विदेश तक वो अपने चावल की सप्लाई कर रहे हैं। दिलीप ने बताया कि उन्होंने अपने गांव के 100 किसानों को अपने साथ जोड़ा। सभी किसान बेहतर मुनाफा हासिल कर रहे हैं। जिससे किसान अपने परिवार को अच्छी सुविधाएं मुहैया करा रहे हैं। काला नमक चावल में प्रोटीन, जिंक, आयरन, बीटा कैरोटीन पाया जाता है। बीटा कैरोटीन Vitamin A का मूल तत्व है। 100 ग्राम चावल में 42 मिलीग्राम बीटा कैरोटीन मिलता है। इसकी खुशबू बेहद जानदार है और टेस्टी भी है।
डायबिटीज के मरीजों के लिए काला नमक चावल है रामबाण
दिलीप ने बताया कि यह चावल बाकी चावल के मुकाबले हमारे शरीर में लिए बहुत फायदेमंद है। इससे शुगर और डायबिटीज वाले लोग भी खा सकते हैं। इसके सेवन से इम्यूनिटी में इजाफा होता है। हार्ट के मरीजों के लिए भी यह बेहद फायदेमंद है। काला नमक चावल अन्य चावल के मुकाबले थोड़ा महंगा है। इस चावल की एक किलो की कीमत 399 रुपये है। लेकिन ट्रेड फेयर में यह 300 रुपये में मिल रहा है।