प्राइवेट सेक्टर के HDFC Bank के शेयरों में 25 नवंबर को इंट्राडे में 3 प्रतिशत की तेजी आई और नया रिकॉर्ड हाई हिट हुआ। हालांकि बाद में तेजी 2 प्रतिशत पर सिमट गई। MSCI की नवंबर रीबैलेंसिंग के प्रभावी होने से ट्रेडिंग वॉल्यूम में भारी उछाल देखा गया। NSE और BSE पर HDFC बैंक के 21.5 करोड़ से ज्यादा शेयरों का कारोबार हुआ। यह इसके 2.5 करोड़ शेयरों के 20-डे मूविंग एवरेज वॉल्यूम से लगभग 8.6 गुना ज्यादा है।
नए फेरबदल के तहत BSE, वोल्टास, एल्केम लैबोरेटरीज, कल्याण ज्वैलर्स और ओबेरॉय रियल्टी जैसे नाम अब MSCI ग्लोबल स्टैंडर्ड इंडेक्स का हिस्सा हैं। 7 नवंबर को इंडेक्स में हुए फेरबदल के बाद एडजस्टमेंट्स 25 नवंबर को प्रभावी हुए हैं। HDFC Bank विशेष रूप से MSCI ग्लोबल स्टैंडर्ड इंडेक्स पर अपने वेटेज में वृद्धि के कारण फोकस में रहा। MSCI ने इस वेटेज एडजस्टमेंट की घोषणा इस वर्ष की शुरुआत में की थी और इसे दो चरणों में लागू किया गया।
6 महीनों में HDFC Bank का शेयर 17% चढ़ा
HDFC Bank का शेयर बीएसई पर बढ़त के साथ 1779 रुपये पर खुला। दिन में यह पिछले बंद भाव से 3 प्रतिशत तक उछला और 1801.90 रुपये के हाई तक गया। यह बीएसई पर शेयर का ऑल टाइम हाई है। ट्रेडिंग खत्म होने पर शेयर 2 प्रतिशत बढ़त के साथ 1784.60 रुपये पर सेटल हुआ। एनएसई पर शेयर ने 1,803.55 रुपये का ऑल टाइम हाई क्रिएट किया और बाद में 1,778.95 रुपये पर सेटल हुआ। बीएसई के डेटा के मुताबिक, HDFC Bank का शेयर 6 महीनों में 17.67 प्रतिशत उछला है।
MSCI ने पहले अगस्त में किया था फेरबदल
MSCI ने पहले अगस्त में अपने पिछले फेरबदल में HDFC बैंक के वेटेज में वृद्धि की घोषणा की थी, जिसमें एक बार के बजाय दो चरणों में एडजस्टमेंट को लागू करने का विकल्प चुना गया था। इस बढ़ोतरी से 1.88 अरब डॉलर का पैसिव इनफ्लो आने की उम्मीद जताई गई थी। मॉर्गन स्टेनली कैपिटल इंटरनेशनल (MSCI) इंडेक्सेज की तिमाही रीबैलेंसिंग से भारतीय इक्विटी में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की ओर से 2.5 अरब डॉलर का निवेश आने की उम्मीद है।