Cotton Commodity: कॉटन की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है। जिसके चलते मिलों की मांग में बढ़ोतरी की उम्मीद है। सूत्रों के मुताबिक बाजार और गिरावट की उम्मीद नहीं कर रहा है। गुजरात के किसान धीरे धीरे बाजार में फसल को ला रहे हैं। सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक कॉटन की कीमतों में गिरावट से मांग बढ़ी है। कॉटन का भाव 53000 रुपये प्रति कैंडी तक गिरा है। सूत्रों के अनुसार कॉटन के दाम गिरने से मिलों में मांग में तेजी आई है।
बता दें कि कम बुआई के बावजूद भी कीमतों में दबाव देखने को मिल रहा है। मंडियों में कपास का भाव MSP के नीचे पहुंचा है। मंडियों में 1.6 लाख बेल्स की रोजाना आवक है। सूत्रों के अनुसार कॉटन मिलों की मांग में गिरावट आई है। सूत्रों के अनुसार कॉटन के आधी आवक की खरीद CCI कर रहा है। CCI कॉटन MSP पर खरीद कर रहा है।
सूत्रों के अनुसार कीमतों में गिरावट के चलते गुजरात के किसान फसलों को होल्ड कर रहे हैं। किसानों को कपास में तेजी आने की उम्मीद है ।महाराष्ट्र, कर्नाटक से गिनर्स को सप्लाई हो रही है।
2024-25 में 7% कम उत्पादन की आशंका
कॉटन पर CAI का कहना है कि 2024-25 में 7% कम उत्पादन की आशंका है। 302 लाख बेल्स के उत्पादन की उम्मीद है। हालांकि घरेलू खपत 313 लाख बेल्स पर कायम है। 22 नवंबर तक 42.60 लाख बेल्स की आवक हुई है।
कॉटन के दामों में रिकवरी आई
CAI के प्रेसिडेंट अतुल गनात्रा ने कहा कि कॉटन के दामों में रिकवरी आई है। 500- 1000 रुपये की बढ़त के साथ 53000-54000 रुपये प्रति कैंडी तक पहुंचे है। ड्यूटी के साथ इंपोर्ट 60000 रुपये प्रति कैंडी होगा। CCI की खरीद से असर होगा। अतुल गनात्रा ने आगे कहा कि स्पिनिंग मिलों का डिमांड अच्छे होने के कारण कपास की खरीद बढ़ रही है। वहीं एक्सपोर्ट में भी इजाफा देखने को मिल रहा है।
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