चोलामंडल इनवेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी के शेयरों का प्रदर्शन बीते एक साल में अच्छा नहीं रहा है। कंपनी के शेयर ने सिर्फ 8 फीसदी का रिटर्न दिया है, जो सेंसेक्स और निफ्टी के रिटर्न से कम है। इस कंपनी का बिजनेस मॉडल डायवर्सिफायड है। यह ग्रामीण इलाकों के ग्राहकों पर फोकस करती है। कंपनी की एसेट क्वालिटी भी अच्छी रही है। यह अकेली कंपनी नहीं है, जिसके शेयरों का प्रदर्शन कमजोर रहा है। प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन भी कमजोर रहा है। इसकी वजह एनबीएफसी के लिए नियमों का सख्त होना है। कंपनियों के एनपीए में भी इजाफा देखने को मिला है।
मुश्किल वक्त में भी अच्छी ग्रोथ
Cholamandalam Investment की ग्रोथ मुश्किल वक्त में भी गाइडेंस से बेहतर रही है। मॉर्टगेज लोन की ग्रोथ ज्यादा रही है। 2022 में लॉन्च नए बिजनेस की ग्रोथ अच्छी रही है। कंपनी के कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट में इसकी हिस्सेदारी 14 फीसदी हो गई है। कंपनी का कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट सितंबर 2024 में 1.77 लाख करोड़ रुपये को पार कर गई। हालांकि, व्हीकल फाइनेंसिंग लोन में तिमाही दर तिमाही आधार पर गिरावट देखने को मिली है। कंपनी कमर्शियल व्हीकल्स सेगमेंट में सुस्त ग्रोथ को देखते हुए कंज्यूमर लेंडिंग जैसे नए सेगमेंट पर फोकस बढ़ा रही है।
रुरल इकोनॉमी में रिकवरी से फायदा
यूज्ड कमर्शियल व्हीकल्स और ट्रैक्टर्स के लिए लोन की मांग बढ़ी है। इसकी वजह रूरल इकोनॉमी में रिकवरी हो सकती है। मानसून की अच्छी बारिश से ग्रामीण इलाकों में इनकम बढ़ने का अनुमान है। यूज्ड व्हीकल के लोन मार्केट में चोला की अच्छी हिस्सेदारी है। दूसरी तिमाही में कंपनी के कुल डिस्बर्समेंट में यूज्ड लोन की करीब 35 फीसदी हिस्सेदारी रही। आगे भी इस ट्रेंड के जारी रहने की उम्मीद है। रूरल सेगमेंट में चोला की पकड़ दूसरी एनबीएफसी के मुकाबले मजबूत है। इसकी 90 फीसदी ब्रांच ग्रामीण इलाकों में हैं। इसका मतलब है कि अगर ग्रामीण इलाकों में डिमांड बढ़ती है तो उसका फायदा चोला को मिलेगा।
क्या आपको निवेश करना चाहिए?
चोला का फंडिंग बेस काफी डायवर्सिफायड है। यह मुरुगप्पा ग्रुप की कंपनी है, जिससे इसे मजबूत पेरेंट कंपनी का सपोर्ट हासिल है। कंपनी के कर्ज की फिक्स्ड कॉस्ट ज्यादा है, लेकिन यह इंटरेस्ट रेट बढ़ने के असर से अपेक्षाकृत सुरक्षित है। कंपनी ज्यादा यील्ड वाले प्रोडक्ट्स पर अपना फोकस बढ़ा रही है। बीते छह महीनों में शेयरों में गिरावट के बाद उसमें FY26 की अनुमानित बुक वैल्यू के 3.3 गुना पर ट्रेडिंग हो रही है। यह इंडस्ट्री के औसत से ज्यादा है। लेकिन, कंपनी की बेहतर अर्निंग्स को देखते हुए यह ज्यादा नहीं है। आगे कंपनी की अर्गनिंग्स ग्रोथ अच्छी रहने की उम्मीद है। इसका असर शेयरों पर भी पड़ेगा।