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अमेरिकी SEC ने गौतम अडाणी, सागर अडाणी को समन भेजा: 21 दिन के अंदर देना होगा जवाब, अडाणी समेत 8 लोगों पर रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी का आरोप

 

फोर्ब्स रियल टाइम बिलियनेयर्स लिस्ट के मुताबिक 62 साल के गौतम अडाणी की संपत्ति 56.8 बिलियन डॉलर (4.79 लाख करोड़ रुपए) है।

अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी और उनके भतीजे सागर अडाणी को अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड कमीशन (SEC) ने समन भेजा है। अमेरिकी SEC ने अडाणी को उनपर लगे रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोपों पर अपना रूख स्पष्ट करने के लिए तलब किया है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, अडाणी के अहमदाबाद स्थित शांतिवन फार्म हाउस और उनके भतीजे सागर के उसी शहर में बोदकदेव रेजीडेंसी पर 21 दिन के अंदर SEC को जवाब देने के लिए समन भेजा है।

 

न्यूयॉर्क ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के माध्यम से भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि ‘इस समन की तामील के 21 दिनों के अंदर (जिस दिन आपको यह समन मिला, उसे छोड़कर) आपको वादी (SEC) को अटैच्ड शिकायत का जवाब देना होगा या फेडरल रूल्स ऑफ सिविल प्रोसीजर के नियम 12 के तहत एक मोशन सर्व करना होगा।अगर आप जवाब देने में विफल रहते हैं, तो शिकायत में मांगी गई राहत के लिए आपके खिलाफ फैसला लिया जाएगा। आपको अपना जवाब या मोशन भी अदालत में दाखिल करना होगा।’

गौतम अडाणी समेत 8 लोगों पर अरबों रुपए की धोखाधड़ी का आरोप

दरअसल, 21 नवंबर को अमेरिका में उद्योगपति गौतम अडाणी समेत 8 लोगों पर अरबों रुपए की धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं। यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी ऑफिस का कहना है कि अडाणी ने भारत में सोलर एनर्जी से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर (करीब 2200 करोड़ रुपए) की रिश्वत दी या देने की योजना बना रहे थे।

यह पूरा मामला अडाणी ग्रुप की कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य फर्म से जुड़ा हुआ है। 24 अक्टूबर 2024 को न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में यह केस दर्ज हुआ था। बुधवार को इसकी सुनवाई में गौतम अडाणी, उनके भतीजे सागर अडाणी, विनीत एस जैन, रंजीत गुप्ता, साइरिल कैबेनिस, सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा और रूपेश अग्रवाल को आरोपी बनाया गया है।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, गौतम अडाणी और सागर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया है। सागर अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के अधिकारी हैं।

अमेरिकी निवेशकों का पैसा, इसलिए वहां केस

अडाणी पर आरोप है कि रिश्वत के इन पैसों को जुटाने के लिए उन्होंने अमेरिकी निवेशकों और बैंकों से झूठ बोला। अमेरिका में मामला इसलिए दर्ज हुआ, क्योंकि प्रोजेक्ट में अमेरिका के इन्वेस्टर्स का पैसा लगा था और अमेरिकी कानून के तहत उस पैसे को रिश्वत के रूप में देना अपराध है।

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