Share Market Rise: सेंसेक्स और निफ्टी ने शुक्रवार 22 नवंबर को शुरुआती कारोबार में मजबूत वापसी की। इससे एक दिन पहले अदाणी ग्रुप से जुड़ी खबरों और कमजोर ग्लोबल संकेतों के चलते इनमें तगड़ी गिरावट देखने को मिली थी। दोनों इंडेक्स शुरुआती कारोबार में 1 फीसदी तक चढ़ गए। घरेलू संस्थागत निवेशकों की खरीद और अमेरिकी बाजारों में पॉजिटव रुझानों से भारतीय निवेशकों के सेंटीमेंट में सुधार हुआ। इसके चलते बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप शुरुआती कारोबार में 3.5 लाख करोड़ रुपये से अधि बढ़ गया। ब्रॉडर मार्केट में भी हरियाली रही। बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 0.46 फीसदी और स्मॉलकैप इंडेक्स 0.61 फीसदी तक बढ़ गया। यहां तक कि सभी सेक्टोरल इंडेक्स भी हरे निशान में कारोबार कर रहे थे। इस तेजी की अगुआई आईटी, रियल्टी और पावर शेयरों ने की।
सुबह 10.10 बजे के करीब, सेंसेक्स 752 अंक या करीब 0.97 फीसदी बढ़कर 77,908.02 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा था। वहीं निफ्टी करीब 220 अंकों की छलांग लगाकर 23,570 पर कारोबार कर रहा था। आइए जानते हैं कि शेयर बाजार में आज तेजी के पीछे 4 प्रमुख कारण क्या रहे-
1. अमेरिकी लेबर मार्केट के मजबूत आंकड़े
अमेरिकी लेबर मार्केट के मजबूत आंकड़ों के चलते आज भारतीय आईटी कंपनियों के शेयरों में जोरदार तेजी आई। आंकड़ों के मुताबिक, 16 नवंबर को समाप्त हुए सप्ताह में अमेरिका में शुरुआती बेरोजगारी दावों में 6,000 की गिरावट आई और यह 2,13,000 पर आ गया। यह इसका 7 महीनों का सबसे निचला स्तर है। इसके चलते निफ्टी आईटी इंडेक्स आज करीब 2 फीसदी तक उछल गया।
2. मजबूत ग्लोबल संकेत
ग्लोबल मार्केट्स से मिले पॉजिटिव संकेतों से भी आज निवेशकों के सेंटीमेंट में सुधार हुआ। अमेरिकी बाजार गुरुवार को पॉजिटिव रुख के साथ बंद हुए थे। एशियाई बाजारों में, एशिया डॉव इंडेक्स 0.70% की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा था। जबकि जापान का निक्केई 225 इंडेक्स 0.63% की तेजी के साथ हरे निशान में था। दक्षिण कोरिया का KOSPI इंडेक्स भी 0.94% की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा है
3. निचले स्तर पर खरीदारी
शेयर बाजार में आई हालिया गिरावट के बाद निचले स्तर पर खरीदारी देखने को मिली। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि बाजार का वैल्यूएशन अब थोड़ा अच्छा होता दिख रहा है। फिडेंट एसेट मैनेजमेंट की फाउंडर और CIO ऐश्वर्या दाधीच ने मनीकंट्रोल से बातचीत में कहा, “हमें धीरे-धीरे मूल्यांकन में थोड़ी सहजता नजर आने लगी है।” उन्होंने कहा, “रूस और यूक्रेन के बीच भू-राजनीतिक तनाव और FII की बेतहाशा बिकवाली जैसे नेगेटिव फैक्टर्स के चलते बाजार में और गिरावट आ सकती है, लेकिन ऐसा लगता है कि हम निचले स्तर के करीब हैं और जल्द ही मामूली रिकवरी देखने को मिल सकता है।”
4. DII से सपोर्ट
घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) की ओर से बढ़ी हुई खरीदारी के चलते बाजार को सपोर्ट मिला है। DIIs ने गुरुवार 21 नवंबर को बाजार में आई गिरावट के बीच भी करीब 4,200 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था। नवंबर महीने में अब तक वह करीब 35,836.93 करोड़ रुपये शेयर बाजार में डाल चुके हैं। दूसरी ओर मार्केट एक्सपर्ट्स अब FIIs की बिकवाली रफ्तार के धीमी होने का अनुमान जता रहे हैं।
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