कृष्णा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइसेंज (केआईएमएस) ने देश के दूरदराज के इलाकों में हेल्थकेयर डिमांड पूरा करने पर फोकस बढ़ाया है। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के टियर 2 शहरों में सफलता के बाद कंपनी नए इलाकों में एसेट्स (हॉस्पिटल्स) खरीद रही है। केआईएमएस खरीदने के बाद एसेट्स को मार्जिन, ऑक्युपेंसी और एवरेज रेवेन्यू पर ऑपरेटिंग बेड (एआरपीओबी) के लिहाज से प्रॉफिटेबल बनाने पर फोकस कर रही है। कंपनी ने केरल में भी एंट्री की है। यह नए सेंटर्स पर नई लीडरशिप के तहत टीम तैनात कर रही है। कंपनी को क्षमता में विस्तार के साथ ही ओंकोलॉजी और ट्रांसप्लांट सेंटर्स पर ज्यादा फोकस का फायदा मिलेगा।
कई मानकों पर कंपनी का बेहतर प्रदर्शन
KIMS ने कई मानकों पर अच्छा प्रदर्शन किया है। कंपनी के ARPOB में साल दर साल आधार पर 23 फीसदी ग्रोथ देखने को मिली है। एवरेज लेंथ ऑफ स्टे (ALOS) 3.7 दिन है। आपरेशन के लिहाज से तेलंगाना और आंध्र में कंपनी के हॉस्पिटल्स का प्रदर्शन अच्छा है। सनशाइन और नागपुर हॉस्पिटल्स के मार्जिन में अच्छा उछाल दिखा है। इससे EBITDA ग्रोथ अच्छी रही है। Sunshine Hospital का सितंबर तिमाही में EBITDA मार्जिन 30.8 फीसदी रही है। यह पिछले साल की समान अवधि के 26.1 फीसदी से काफी ज्यादा है। लंबे समय बाद इसका ARPOB 60,000 रुपये से ऊपर पहुंचा है। ऑक्युपेंसीा लेवल में भी 800 बेसिस प्वाइंट्स का उछाल आया है।
कुल क्षमता बढ़कर जल्द 4610 बेड हो जाएगी
नागपुर में Kingsway Hospital का प्रदर्शन भी अच्छा रहा है। अगर रेनोवेशन से संबंधित खर्च को हटा दिया जाए तो EBITDA मार्जिन 25 फीसदी से ज्यादा है। विशाखापत्तनम में Queens’s NRI (300 बेड्स) के इंटिग्रेशन का काम अच्छी तरह से चल रहा है। दूसरी तिमाही के रेवेन्यू में इसने एक महीने का कंट्रिब्यूशन किया है। 325 बेड वाला नासिक हॉस्पिटल भी दूसरी तिमाही में ओपन हो चुका है। लेकिन, रेवेन्यू में इसका कंट्रिब्यूशन तीसरी तिमाही से शुरू होगा। इससे बेड की कुल संख्या बढ़कर 4,610 हो जाएगी। यह क्षमता में तिमाही दर तिमाही आधार पर 16 फीसदी का इजाफा होगा।
नए इलाकों में बिजनेस के विस्तार पर फोकस
KIMS का स्ट्रेटेजिक एक्सपैंसन प्लान रफ्तार पकड़ रहा है। केरल, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में नए प्रोजेक्टस से ग्रोथ को सपोर्ट मिल रहा है। केरल में एंट्री के लिए कंपनी ने 200 बेड वाले श्रीचंद हॉस्पिटल का अधिग्रहण किया था। यह हॉस्पिटल कन्नूर में है। कंपनी त्रिसूर में वेस्टफोर्ट ही-टेक के साथ भी ऑपरेशन और मैनेजमेंट का कॉन्ट्रैक्ट कर रही है। यह पांच से छह साल में केरल में बेड की संख्या बढ़ाकर 3000 करने के प्लान की शुरुआत है। टियर 2 और टियर 3 शहरों में कंपनी एसेट-लाइट मॉडल पर काम कर रही है।
क्या आपको निवेश करना चाहिए?
KIMS बेड की क्षमता 2,300-2,600 तक बढ़ाना चाहती है। इसके लिए उसने 2-3 साल का टारगेट रखा है। यह कंपनी की बेड की मौजूदा क्षमता का 50 फीसदी से ज्यादा है। कंपनी बिजनेस के विस्तार के लिए कई तरह के मॉडल का इस्तेमाल कर रही है। यह पहले से चल रहे हॉस्पिटल को खरीदने और उन्हें प्रॉफिटेबल बनाने पर भी फोकस कर रही है। सनशाइन और किग्सवे हॉस्पिटल इसके उदाहरण हैं। पिछले दो साल में इन दोनों हॉस्पिटल का ऑपरेटिंग मार्जिन काफी बढ़ा है। एसेट-लाइट मॉडल के साथ बिजनेस के विस्तार पर फोकस को देखते हुए कंपनी की ग्रोथ बेहतर रहने की उम्मीद है। कंपनी के शेयरों में धीरे-धीरे निवेश बढ़ाया जा सकता है।