मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने IPO के लिए 1 पर्सेंट सिक्योरिटी डिपॉजिट की शर्त को खत्म कर दिया है। सेबी ने कंपनियों के लिए लिस्टिंग प्रोसेस के दौरान 1 पर्सेंट सिक्योरिटी डिपॉजिट रिलीज करने की खातिर नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) सौंपे जाने की शर्त को हटा दिया है। मौजूदा नियमों के मुताबिक, लिस्टिंग कराने वाली कंपनियों को स्टॉक एक्सचेंजों के पास सिक्योरिटी डिपॉजिट के तौर इश्यू साइज का 1 पर्सेंट हिस्सा जमा करना होता है, जिसे बाद में रिफंड कर दिया जाता है।
सेबी (इश्यू ऑफ कैपिटल एंड डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट्स) रेगुलेशंस, 2018 (ICDR रेगुलेशंस) में 17 मई 2024 को संशोधन किया गया था। सेबी ने 21 नवंबर को जारी सर्कुलर में साफ किया है कि इन डिपॉजिट्स को जारी करने के लिए NOC की जरूरत को खत्म कर दिया गया है। रेगुलेटर ने NOC जारी करने को लेकर पुराना मास्टर सर्कुलर वापस ले लिया है और पिछले नियमों के तहत किए गए डिपॉजिट के पेंडिंग रिफंड को प्रोसेस करने के लिए ज्वाइंट स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SoP) पेश करने को कहा गया है।
सेबी का कहना था कि पब्लिक और राइट्स इश्यू के लिए 1% सिक्योरिटी डिपॉजिट की शर्त का मकसद यह सुनिश्चित करना था कि इश्यू लाने वाले रिफंड, आवंटन और सर्टिफिकेट डिस्पैच से जुड़ी निवेशकों की शिकायतों पर जल्द से जल्द काम कर सकें। हालांकि, डीमैट अलॉटमेंट जरूरी करने, ASBA आधारित ऐप्लिकेशंस और UPI पेमेंट मोड जैसे सुधारों के बाद रिफंड में देरी को लेकर चिंताएं खत्म हो गई हैं।
सर्कुलर में स्टॉक एक्सचेंजों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे लिस्टेड कंपनियों में सभी बदलावों के लिए नोटिफिकेशन जारी करें और अपनी-अपनी वेबसाइट पर सर्कुलर पब्लिक करें। सर्कुलर में जिन बदलावों का जिक्र है, वे तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं। डिपॉजिट और NOC शर्तों को हटाए जाने से लिस्टिंग प्रोसेस आसान हो सकेगी।