BlackBuck IPO Listing: ‘ब्लैकबक’ के जरिए ट्रक ऑपरेटर्स को डिजिटल प्लेटफॉर्म मुहैया कराने वाली जिंका लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशंस के शेयरों की आज घरेलू मार्केट में 2% से अधिक प्रीमियम पर एंट्री हुई लेकिन फिर यह टूट गया। इसके आईपीओ को निवेशकों का मिला-जुला रिस्पांस मिला था और ओवरऑल 1.87 गुना सब्सक्राइब हुआ था। आईपीओ के तहत 273 रुपये के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज BSE पर इसकी 279.05 रुपये और NSE पर 280.90 रुपये पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को 3.53 फीसदी का लिस्टिंग गेन (BlackBuck Listing Gain) मिला।
हालांकि लिस्टिंग के बाद टूटकर BSE पर यह 276.10 रुपये (BlackBuck Share Price) पर आ गया यानी कि आईपीओ निवेशक 1.14 फीसदी मुनाफे में हैं। एंप्लॉयीज अधिक फायदे में हैं क्योंकि उन्हें हर शेयर 25 रुपये के डिस्काउंट पर मिला है।
BlackBuck IPO में एंप्लॉयीज ने लगाई ताबड़तोड़ बोली
ब्लैकबक का ₹1,114.72 करोड़ का आईपीओ 13-18 नवंबर तक खुला था। यह आईपीओ 1.87 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 2.72 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 2.72 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 1.70 गुना और एंप्लॉयीज का हिस्सा 9.86 गुना भरा था।
इस आईपीओ के तहत 550 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी हुए हैं। इसके अलावा ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत 1 रुपये की फेस वैल्यू वाले 2,06,85,800 शेयरों की बिक्री हुई है। ऑफर फॉर सेल का पैसा तो शेयर बेचने वाले शेयरहोल्डर्स को मिला है। वहीं नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी सेल्स और मार्केटिंग, एनबीएफसी सब्सिडियरी ब्लैकबक फिनसर्व में निवेश, प्रोडक्ट डेवलपमेंट और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।
Zinka Logistics Solution (BlackBuck) के बारे में
अप्रैल 2015 में बनी जिंका लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशन ट्रक ऑपरेटर्स को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म ब्लैकबक मुहैया कराती है। वित्त वर्ष 2024 के आंकड़ों के मुताबिक इसके जरिए 9,63,345 ट्रक ऑपरेटर्स ने कारोबार किया जो देश के सभी ट्रक ऑपरेटर्स का 27.52 फीसदी है। इसके ब्लैकबक ऐप पर पेमेंट्स, टेलीमेटिक्स, फ्रेट मार्केटप्लेस और वीईकल फाइनेंसिंग जैसी सर्विसेज मिलती हैं।
कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2022 में इसे 284.56 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2023 में बढ़कर 290.50 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। हालांकि अगले वित्त वर्ष 2024 में स्थिति सुधरी और इसे 193.95 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू सालाना 42 फीसदी से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर 316.51 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। चालू वित्त वर्ष 2024-25 की बात करें तो पहली तिमाही अप्रैल-जून 2024 में 32.38 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा और 98.33 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हुआ।