Adani Group Shares Falls: उद्योगपति गौतम अदाणी की अगुआई वाली अदाणी ग्रुप एक बार फिर से विवादों के घेरे में है। अमेरिकी अधिकारियों ने गौतम अदाणी और उनकी टीम पर सोलर कॉन्ट्रैक्ट्स पाने के लिए 250 मिलियन डॉलर (करीब 2,100 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने का आरोप लगाया है। इसके बाद अदाणी ग्रुप के शेयरों में आज 21 नवंबर को जबरदस्त गिरावट देखने को मिली और शुरुआती कारोबार में शेयर 10 से 20 फीसदी तक टूट गए। अदाणी ग्रुप की सबसे प्रमुख कंपनी, अदाणी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) का शेयर 10% गिरकर 2,539.35 रुपये पर लोअर सर्किट में बंद हुआ।
हिंडनबर्ग के झटकों से संभलने के बाद यह शेयर अपने निचले स्तर से करीब दोगुना तक बढ़ चुका था, लेकिन अभी भी यह अपने उस पहले के स्तर पर नहीं पहुंच पाया है। दूसरी ओर अदाणी ग्रीन एनर्जी का शेयर 17% का गोता लगाकर 1,172.5 रुपये पर आ गया। वहीं अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस (Adani Energy Solutions) का शेयर 20% गिरकर 697.25 रुपये पर लोअर सर्किट में आ गया।
ये गिरावट सिर्फ भारतीय शेयर बाजार तक ही सीमित नहीं रही। अदाणी ग्रुप के डॉलर-डिनॉमिनेटेड बॉन्ड्स में भारी गिरावट आई है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, Adani Green Energy की ओर से मार्च में जारी किए बॉन्ड्स 15 सेंट तक गिर गए। वहीं Adani Electricity Mumbai के 2030 वाले बॉन्ड्स में 8.6 सेंट की गिरावट आई। यह हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद से इसके बॉन्ड्स में आई अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है।
आरोपों की डिटेल्स
ये गिरावट आई इसलिए क्योंकि अदाणी ग्रुप को अब एक नई जांच का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिकी प्रॉजिक्यूटर्स ने आरोप लगाया है कि अदाणी ग्रुप ने भारत में सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट्स पाने के लिए करीब 2,100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी है। न्यूयॉर्क के ब्रुकलिन में दाखिल आरोप-पत्र में गौतम अदाणी, सागर आर अदाणी और विनीता एस जैन के नाम लिए गए हैं। इन पर योजना बनाकर अमेरिकी निवेशकों को गुमराह करने और फेडरल कानूनों का उल्लंघन करने के आरोप लगाए हैं।
सिर्फ आपराधिक आरोप ही नहीं, अमेरिकी Securities and Exchange Commission (SEC) ने एक सिविल मुकदमा भी दाखिल किया है। साथ ही अदाणी ग्रुप पर इलेक्ट्रॉनिक सबूत मिटाने, जस्टिस डिपार्टमेंट, SEC और FBI को गुमराह करने के भी आरोप लगाए गए हैं।
अदाणी की वित्तीय स्थिति
यह विवाद ऐसे समय पर सामने आया है जब अदाणी ग्रुप, हिंडनबर्ग रिपोर्ट के झटकों के बाद अपनी वित्तीय स्थिति को स्थिर करने की कोशिश कर रहा है। ग्रुप ने हाल में अपने कर्ज में काफी कटौती की है। मार्च 2023 में, ग्रुप ने 7,374 करोड़ रुपये के शेयर-बैक्ड फाइनेंसिंग का एडवांस पेमेंट किया था। अगस्त 2024 में, Adani Energy Solutions ने अपने कर्ज को घटाने और पावर इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश के लिए QIP के जरिए करीब 1 अरब डॉलर का फंड जुटाया था। अक्टूबर 2024 में, Adani Enterprises ने एयरपोर्ट यूनिट के कर्ज को कम करने और न्यू एनर्जी प्रोजेक्ट्स को फंड मुहैया कराने के लिए 500 मिलियन डॉलर की शेयर बिक्री की थी।
आगे भी अदाणी बिक्री की कुछ ऐसी ही योजना थी। उसने 2025 की शुरुआत तक Adani Green Energy और Adani Energy Solutions के डॉलर बॉन्ड जारी करके कम से कम 1.5 अरब डॉलर जुटाने की योजना बनाई थी। इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से कर्ज चुकाने के लिए किया जाना था। लेकिन अब इन नए आरोपों के बाद अदाणी ग्रुप ने अपने इस प्रस्तावित डॉलर बॉन्ड को वापस ले लिया है।
निवेशकों के लिए चिंता
इस नई विवाद से अदानी ग्रुप के निवेशकों की चिंता बढ़ गई है। Hindenburg Research की रिपोर्ट के बाद से अदानी ग्रुप ने अपनी छवि सुधारने की काफी कोशिश की थी, लेकिन ये नए आरोप उसकी छवि को फिर नुकसान पहुंचा सकते हैं। हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अदाणी ग्रुप की कंपनियों की कुल मार्केट वैल्यू में 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक की गिरावट आई थी और ये नई गिरावट उस पुराने झटके की याद दिला रही है।