नई दिल्ली: अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी के लिए गुरुवार का दिन बेहद खराब रहा। रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोप में अमेरिकी कोर्ट ने अरेस्ट वारंट जारी होने के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर धड़ाम हो गए। कई शेयर में लोअर सर्किट तक लग गया। इस गिरावट से अडानी को भारी नुकसान हुआ है। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडानी के शेयरों में यह सबसे बड़ी गिरावट है।गुरुवार सुबह अडानी ग्रुप के तीन शेयरों में 20% की गिरावट के कारण आई। इकनॉमिक टाइम्स के मुताबिक अडानी ग्रुप के सभी 11 शेयरों का कुल मार्केट कैप लगभग 2 लाख करोड़ रुपये घटकर 12.3 लाख करोड़ रुपये रह गया। यह साल 2023 की शुरुआत में हिंडनबर्ग रिसर्च कर रिपोर्ट के बाद से ग्रुप का सबसे खराब कारोबारी दिन रहा।
अडानी की नेटवर्थ में आई कमी
इस गिरावट के कारण अडानी की नेटवर्थ में भी कमी आई है। फोर्ब्स की रियल टाइम बिलेनियर्स लिस्ट के अनुसार अडानी की कुल संपत्ति भी 10.5 बिलियन डॉलर घटकर 59.3 बिलियन डॉलर रह गई।
क्या है अडानी पर आरोप?
अडानी और उनके भतीजे समेत कुल 8 लोगों पर अमेरिकी अभियोजकों ने रिश्वत देने का आरोप लगाया है। अभियोजकों के मुताबिक सोलर एनर्जी का कॉन्ट्रैक्ट प्राप्त करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को कथित तौर पर 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत दी गई थी। इस मामले में कोर्ट ने अडानी और उनके भतीजे के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया है।
शेयरों में आई बड़ी गिरावट
इन आरोपों के बाद अडानी ग्रुप के सभी शेयरों में तेज गिरावट आई। ग्रुप की प्रमुख कंपनी अडानी इंटरप्राइजेज के शेयर 20% गिरकर 2,256.20 रुपये पर आ गए। अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस के शेयरों में भी 20% का लोअर सर्किट लगा। अडानी पोर्ट्स में भी 20% की गिरावट आई।
मूडीज ने बताई क्रेडिट नेगेटिव खबर
मूडीज रेटिंग्स ने गुरुवार को कहा कि यह खबर अडानी ग्रुप की कंपनियों के लिए क्रेडिट नेगेटिव है। मूडीज ने कहा कि रिश्वतखोरी के आरोपों में अडानी ग्रुप के चेयरमैन और अन्य अधिकारियों पर अभियोग ग्रुप की कंपनियों के लिए क्रेडिट नेगेटिव है।
ऑस्ट्रेलिया में भी गिरे शेयर
अडानी बुल जीक्यूजी के शेयर ऑस्ट्रेलिया में 26% गिर गए। जीक्यूजी ने एक बयान में कहा, ‘हम अडानी और कुछ ग्रुप के अधिकारियों और कंपनियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों की निगरानी कर रहे हैं। हमारी टीम उभरते विवरणों की समीक्षा कर रही है और यह निर्धारित कर रही है कि हमारे पोर्टफोलियो के लिए क्या कार्रवाई उचित है।’