Enviro Infra Engineers IPO: एनटीपीसी की ग्रीन इकाई एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी ने हुंडई मोटर के रिकॉर्ड ₹27,870 करोड़ और स्विगी के ₹11,300 करोड़ के आईपीओ के बाद इस साल का तीसरा सबसे बड़ा इश्यू 10 हजार करोड़ रुपये का पेश किया। हालांकि ग्रे मार्केट में इसे फीका रिस्पांस मिल रहा है और 1 फीसदी से भी कम जीएमपी है। इश्यू के अपर प्राइस बैंड से यह महज 80 पैसे यानी 0.74 फीसदी की GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) पर है। वहीं एक और इश्यू एन्वायरो इंफ्रा इंजीनियर्स का खुला है जिसकी ग्रे मार्केट में सेहत काफी तगड़ी है। आईपीओ के अपर प्राइस बैंड से यह ₹24 यानी 16.22 फीसदी की जीएमपी पर है। हालांकि मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक ग्रे मार्केट से मिले संकेतों की बजाय कंपनी के फंडामेंटल्स और फाइनेंशियल्स के आधार पर निवेश से जुड़ा फैसला लेना चाहिए।
Enviro Infra Engineers IPO की डिटेल्स
एन्वायरो इंफ्रा सर्विसेज के ₹650.43 करोड़ के आईपीओ में ₹140-₹148 के प्राइस बैंड और 101 शेयरों के लॉट में पैसे लगा सकते हैं। एंप्लॉयीज को हर शेयर पर 13 रुपये का डिस्काउंट मिलेगा। यह इश्यू 22 नवंबर को खुलेगाऔर 26 नवंबर तक खुला रहेगा। इश्यू का 50 फीसदी हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB), 15 फीसदी नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) और 35 फीसदी खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित है। आईपीओ के तहत शेयरों का अलॉटमेंट 27 नवंबर को फाइनल होगा। फिर BSE और NSE पर 29 नवंबर को एंट्री होगी। इश्यू का रजिस्ट्रार बिगशेयर सर्विसेज है।
इस आईपीओ के तहत 572.46 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी होंगे। इसके अलावा 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 52.68 लाख शेयरों की ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिक्री होगी। ऑफर फॉर सेल का पैसा तो शेयर बेचने वाले शेयरहोल्डर्स को मिलेगा। वहीं नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने, सब्सिडियरी ईआईईएल मथुरा इंफ्रा इंजीनियर्स में निवेश, कर्ज चुकाने, अधिग्रहण और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी। सब्सिडियरी आईपीओ के पैसों से मथुरा में हाइब्रिड एन्यूटी पर आधारित पीपीपी मोड में मथुरा सीवरेज स्कीम के तहत 60 एमएलडी एसटीपी बनाएगी।
Enviro Infra Engineers के बारे में
वर्ष 2009 में बनी एन्वायरो इंफ्रा इंजीनियर्स सरकारी एजेंसियों और कंपनियों के लिए वेस्ट-वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स (WWTPs) और वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट्स (WSSPs) पर काम करती है। WWTPs के तहत यह सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STPs), सीवरेज स्कीम्स और कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट्स (CETPs) पर काम करती है। वहीं WSSPs के तहत यह वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स (WTPs) के साथ-साथ पंपिंग स्टेशंस और वाटर सप्लाई के लिए पाइप बिछाने पर काम करती है। जून 2024 तक के आंकड़ों के मुताबिक सात वर्षों में इसने कई राज्यों में 28 WWTPs और WSSPs डेवलप कर दिए हैं।
कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो यह लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022 में इसे 34.55 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2023 में उछलकर 54.98 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024 में 110.54 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू सालाना 80 फीसदी से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर 738 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। चालू वित्त वर्ष 2024-25 की बात करें तो पहली तिमाही अप्रैल-जून 2024 में इसे 30.78 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा और 207.46 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हो चुका है।