ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) ने आज 19 नवंबर को कहा कि उसने मीथेन उत्सर्जन का पता लगाने और मापने के लिए TotalEnergies के साथ समझौता किया है। दोनों कंपनियां भारत में OIL साइटों पर TotalEnergies की AUSEA टेक्नोलॉजी का उपयोग करके सहयोग करेंगी। इस बीच आज ऑयल इंडिया के शेयरों में 2.73 फीसदी की तेजी आई है और यह स्टॉक BSE पर 485.45 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। इस तेजी के साथ कंपनी का मार्केट कैप बढ़कर 78,963 करोड़ रुपये हो गया है।
AUSEA गैस एनालाइजर एक ड्रोन पर लगाया गया है और इसमें एक डुअल सेंसर शामिल है, जो मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन का पता लगाने में सक्षम है, साथ ही स्रोत की पहचान भी करता है। ऑयल इंडिया ने कहा कि वह हाल ही में ऑयल एंड गैस डीकार्बोनाइजेशन चार्टर (OGDC) में शामिल हुई है, जो COP28 में शुरू की गई एक ग्लोबल इंडस्ट्री इनिशिएटिव है, जिसे TotalEnergies के CEO ने मिलकर तैयार किया है।
ऑयल इंडिया के चेयरमैन और MD रंजीत रथ ने कहा, “OGDC में अपने पियर्स के साथ जुड़कर OIL ग्लोबल कम्युनिटी के प्रति भारत के कमिटमेंट को दोहराता है, साथ ही उत्सर्जन को कम करने के लिए OIL के समर्पण को भी दिखाता है।”
कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि TotalEnergies ने अपनी टेक्नोलॉजी को हस्ताक्षरकर्ताओं के बीच अन्य ऑपरेटरों को अपने स्वयं के एसेट्स पर मीथेन उत्सर्जन का पता लगाने, मापने और कम करने के लिए एक टूल के रूप में उपलब्ध कराया है।
OGDC का लक्ष्य 2050 तक नेट जीरो ऑपरेशन और 2030 तक नियर-जीरो अपस्ट्रीम मीथेन उत्सर्जन और जीरो रूटीन फ्लेयरिंग की दिशा में काम करना है। कंपनी ने कहा कि ओजीडीसी के सदस्य प्रगति को मापने और सार्वजनिक रूप से रिपोर्ट करने के लिए भी कमिटेड हैं।