एनटीपीसी लिमिटेड की रिन्यूएबल एनर्जी इकाई एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी (NTPC Green Energy) 10,000 करोड़ का IPO लॉन्च करने वाली है। यह IPO 19 नवंबर 2024 को खुलेगा। हुंडई मोटर और स्विगी के बाद यह इस साल का तीसरा सबसे बड़ा पब्लिक इश्यू होगा। हम आपको यहां कंपनी के प्लान, रणनीतियों और विस्तार योजनाओं के बारे में बता रहे हैं, जिसके बारे में कंपनी के टॉप मैनेजमेंट ने खास तौर पर मनीकंट्रोल से बात की है।
कर्ज मैनेज करना
एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी इस IPO से हासिल 75% रकम का इस्तेमाल कर्ज के भुगतान में करेगी और इस तरह उसके लोन में बड़े पैमाने पर कमी आ सकेगी। कंपनी के डायरेक्टर, फाइनेंस जयकुमार श्रीनिवासन ने बताया, ‘सितंबर के आंकड़ों के पास हमारे पास 17,000 करोड़ रुपये का कर्ज था। इस IPO के जरिये कंपनी कर्ज घटकर 9,700 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। हालांकि, क्षमता में बढ़ोतरी के साथ कर्ज भी बढ़ेगा। हालांकि, क्षमता में बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी के साथ-साथ कंपनी धीरे-धीरे नए कर्ज जुटाएगी।’
2032 का रोडमैप
एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी (NGEL) का इरादा 2032 तक अपनी रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता को बढ़ाकर 60 गीगावॉट (60,000 मेगावॉट) तक करना है। NGEL के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर गुरदीप सिंह ने बताया, ‘ मार्च 2027 तक हमारा इरादा 19,000 मेगावॉट तक पहुंचना है, जबकि हमारी मौजूदा क्षमता 6,000 मेगावॉट है। ग्रोथ की यह रफ्तार क्लीन एनर्जी लीडरशिप के हमारे लॉन्ग टर्म विजन के अनुकूल है।’
ग्रीन एनर्जी और एनर्जी स्टोरेज
एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी का तात्कालिक फोकस सोलर (सौर) और विंड (पवन) ऊर्जा पर है, लिहाजा कंपनी सक्रियतापूर्वक ग्रीन हाइड्रोजन और एनर्जी स्टोरेज सॉल्यूशंस की पड़ताल कर रही है। कंपनी की योजना आंध्र प्रदेश के पुडिमडक्का में ग्रीन हाइड्रोजन हब बनाने की है, जो अभी शुरुआती दौर में है। श्रीनिवासन का कहना था, ‘आने वाले वर्षों में ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट के लिए अलग से इक्विटी फंडिंग की जरूरत होगी। हालांकि, हमें पहले से ही बैटरी की कीमतों में तेज करेक्शन देखने को मिल रहा है और हमने 1,500 मेगावॉट के लिए बिडिंग प्रोसेस शुरू कर दी है।’
बाकी प्रतिस्पर्धी कंपनियों से बेहतर स्थिति
एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी के ऑपरेशंस का दायरा और इसकी फंडिंग क्षमता इसे अदाणी पावर और रिन्यू पावर जैसी प्रतिस्पर्धी कंपनियों से अलग करती है। सिंह ने बताया, ‘मजबूत क्रेडिट रेटिंग की वजह से हमारी कॉस्ट ऑफ फंडिंग अपेक्षाकृत कम है, जिस वजह से हमारे लिए कम ब्याज दर पर पूंजी जुटाना संभव हो पाता है। इसके अतिरिक्त हमारे पास बड़े पैमाने पर रिन्यूएबल पार्क और राज्य सरकारों के साथ ज्वाइंट वेंचर भी हैं। इस वजह से हम ऑपरेशनल लेवल पर बाकी के मुकाबले बेहतर स्थिति में है। इन तमाम चीजों की वजह से आखिरकार हमें बेहतर मार्जिन हासिल करने में मदद मिलेगी।’
रिन्यूएबल एनर्जी डिमांड
भारत में रिन्यूएबल एनर्जी की मांग मजबूत बनी हुई है। सिंह ने कहा, ‘इस सेगमेंट में मांग काफी है और बैटरी स्टोरेज व अन्य इनवोशंस की वजह से हमें 2032 से काफी पहले ही 60 गीगावॉट का टारगेट हासिल कर लिए जाने की उम्मीद है।’