Dalal Street Week Ahead: भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला पिछले हफ्ते भी जारी रहा। इस दौरान बाजार में करीब 2.5 फीसदी की गिरावट देखी गई। इसके साथ ही बेंचमार्क इंडेक्स 27 सितंबर के रिकॉर्ड हाई से लगभग 10 फीसदी नीचे आ चुके हैं। वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही के कमजोर नतीजों के साथ-साथ पूरे साल की अर्निंग अनुमान में संभावित कटौती और FII की लगातार निकासी ने सेंटीमेंट को कमजोर किया है। इसके अलावा, खुदरा महंगाई 6.2 फीसदी तक बढ़ गई है, जो कि पिछले 14 महीनों में सबसे अधिक है। डॉलर इंडेक्स और बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी और फेड द्वारा आगे की दरों में कटौती पर अनिश्चितता ने भी बाजार को प्रभावित किया है।
क्या है एक्सपर्ट्स की राय?
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “निकट भविष्य में कंसोलिडेशन जारी रह सकता है। हालांकि, बीटन डाउन वैल्यू स्टॉक में उनके संभावित आउटलुक के कारण बॉटम-फिशिंग देखी जा सकती है।” बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के कारण 20 नवंबर को बाजार बंद रहेंगे।
पिछले हफ्ते बीएसई सेंसेक्स 2.4 फीसदी गिरकर 77,580 पर पहुंच गया। निफ्टी में 2.55 फीसदी गिरावट आई और यह 23533 पर आ गया। दूसरी ओर, निफ्टी मिडकैप 100 और स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 4.1 फीसदी और 4.6 फीसदी नीचे आ गए। आईटी को छोड़कर सभी सेक्टर्स दबाव में रहे।
डोमेस्टिक इकोनॉमिक डेटा
बाजार की नजर 22 नवंबर को आने वाले HSBC मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज फ्लैश PMI नंबर्स पर होगी। अक्टूबर में मैन्युफैक्चरिंग PMI सितंबर के 56.5 से बढ़कर 57.5 हो गया, और इसी अवधि के दौरान सर्विसेज PMI 57.7 से बढ़कर 58.5 हो गया। 15 नवंबर को समाप्त हफ्ते के लिए फॉरेक्स रिजर्व भी 22 नवंबर को जारी किया जाएगा।
ग्लोबल इकोनॉमिक डेटा
22 नवंबर को दुनिया की नजरें डेवलप्ड और उभरते देशों, जिनमें संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरो जोन, जापान और यूनाइटेड किंगडम शामिल हैं, के मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज के फ्लैश PMI डेटा पर होंगी। PMI आंकड़ों के अलावा, वीकली US जॉब डेटा, यूरो जोन की ECB (यूरोपियन सेंट्रल बैंक) की फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिव्यू, साथ ही यूरोप, जापान और ब्रिटेन के अक्टूबर माह के महंगाई के आंकड़ों पर भी निगाह रहेगी।
ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन
निवेशक अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन में डेवलपमेंट पर नजर रखेंगे, जिसमें उनका मंत्रिमंडल गठन भी शामिल है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, कोई भी पॉलिसी प्रपोजल जो अमेरिकी मुद्रास्फीति पर अपवर्ड प्रेशर डालता है, फेड के फ्यूचर रेट-कट ट्रांजेक्टरी को प्रभावित कर सकता है। फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने पहले ही संकेत दिया है कि 75 बेसिस प्वाइंट की कटौती के बाद आगे की कटौती अग्रेसिव नहीं हो सकती है और डेटा पर निर्भर होगी।
डॉलर इंडेक्स, रुपया और FII फ्लो
बाजार की नजर अमेरिकी डॉलर इंडेक्स, बॉन्ड यील्ड, डॉलर के मुकाबले रुपये के प्रदर्शन और साथ ही FII फ्लो पर भी रहेगी। ट्रम्प के शासन में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों में नरमी और टैक्स कटौती और ट्रेड टैरिफ में बढ़ोतरी की अटकलों के बीच पिछले हफ्ते डॉलर इंडेक्स में उछाल आया। यह अक्टूबर के पहले सप्ताह से 6 फीसदी से अधिक बढ़कर पिछले शुक्रवार को 106.67 पर बंद हुआ।
दस वर्षीय अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड जनवरी 2024 के उच्चतम स्तर के करीब पहुंच गई, जो पिछले हफ्ते 4.3 फीसदी के मुकाबले सप्ताह के अंत में 4.44 फीसदी पर बंद हुई। अमेरिकी बॉन्ड बाजार ट्रंप सरकार के तहत फिस्कल डेफिसिट में संभावित वृद्धि को लेकर चिंतित है क्योंकि उन्होंने कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती का वादा किया है।
भारत में FII ने हाल ही में लगातार बिकवाली की है, लेकिन DII ने काफी हद तक इस निकासी की भरपाई की, जिससे बाजार को सपोर्ट मिला। FII ने पिछले हफ्ते लगभग 9,700 करोड़ रुपये (चालू महीने में 29,533 करोड़ रुपये) के शेयर बेचे, इसके अलावा पिछले महीने 1.14 लाख करोड़ रुपये की निकासी हुई थी। दूसरी ओर, DII ने सप्ताह के दौरान 12,508 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जिससे चालू महीने के लिए शुद्ध खरीद 26,522 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले महीने 1.07 लाख करोड़ रुपये थी। पिछले हफ्ते डॉलर के मुकाबले रुपया 84.46 के ऑल टाइम लो पर पहुंच गया था, जो शुक्रवार को 84.4 पर बंद हुआ। एक्सपर्ट्स को उम्मीद है कि रुपये की कमजोरी शॉर्ट टर्म में बनी रहेगी।
तेल की कीमतें
भारत एक प्रमुख तेल आयातक देश है, इसलिए तेल की कीमतों में नरमी इक्विटी बाजारों को सहारा दे रही है। तेल की कीमतों के लिए अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स सप्ताह के दौरान 3.83 पीसदी गिरकर 71.04 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। वास्तव में, सितंबर से तेल की कीमतें काफी हद तक 80 डॉलर प्रति बैरल से नीचे बनी हुई हैं।
18 नवंबर से शुरू हो रहे सप्ताह में 4 नए IPO खुलने जा रहे हैं। इनमें से केवल एक मेनबोर्ड सेगमेंट का है। इसके अलावा पहले से खुले 2 IPO में भी नए सप्ताह में पैसे लगाने का मौका रहेगा। वहीं, अगले सप्ताह 3 कंपनियां शेयर बाजार में अपनी शुरुआत करने जा रही हैं, जो SME सेगमेंट की हैं।
अगले हफ्ते खुलने वाले चार नए आईपीओ में NTPC ग्रीन एनर्जी, एनवायरो इंफ्रा इंजीनियर्स, Lamosaic India और C2C Advanced Systems शामिल हैं। पहले से खुले आईपीओ Onyx Biotec और Zinka Logistics Solution हैं। नए सप्ताह में 18 नवंबर को NSE SME पर Neelam Linens and Garments के शेयर लिस्ट होंगे। 20 नवंबर को BSE SME पर Mangal Compusolution की लिस्टिंग होगी। 21 नवंबर को Onyx Biotec के शेयर NSE SME पर अपनी शुरुआत करेंगे।
टेक्निकल व्यू
तकनीकी रूप से वीकली चार्ट पर लोअर हाई और लोअर लो के साथ लॉन्ग बियरिश कैंडलस्टिक पैटर्न के चलते निफ्टी 50 कमजोर दिख रहा है। साथ ही, यह अपने 10-20-वीक के EMA (एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज) से काफी नीचे और अपने 200-डे EMA से थोड़ा नीचे ट्रेड कर रहा है। अगर इंडेक्स 200-DEMA से ऊपर वापस आने में विफल रहता है, तो यह अपने 50-वीक के EMA (23,224) के करीब गिरना शुरू कर सकता है।
मोमेंटम इंडिकेटर भी नेगेटिव क्षेत्र में बने हुए हैं। भारी बिकवाली दबाव के बाद इंडेक्स 23,700-23,800 जोन में कुछ हद तक वापस आ सकता है, लेकिन यह स्थिर रहने की संभावना नहीं है, क्योंकि निफ्टी अपने सभी प्रमुख मूविंग एवरेज से नीचे ट्रेड कर रहा है। एक्सपर्ट्स ने बियरिश सेंटीमेंट को देखते हुए ‘सेल-ऑन-रैली’ स्ट्रेटेजी की सलाह दी।
कॉर्पोरेट एक्शन
अगले सप्ताह होने वाली प्रमुख कॉर्पोरेट एक्शन इस प्रकार हैं:
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