कुणाल शाह की फाइनेंशियल सर्विसेज देने वाली क्रेड (Cred) अब स्टॉक ब्रोकिंग के भी कारोबार में उतरने की तैयार कर रही है। अभी यह पेमेंट्स, लेंडिंग, इंश्योरेंस और वेल्थ मैनेजमेंट से जुड़ी सर्विसेज देती है। हालांकि अब यह अपने फाइनेंशियल प्लेटफॉर्म में स्टॉक ब्रोकिंग की सर्विसेज जोड़ने के लिए आवेदन कर दिया है। मनीकंट्रोल को सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक क्रेड की सहायक कंपनी स्पेनी (Spenny) ने स्टॉक ब्रोकिंग लाइसेंस के लिए अप्लाई कर दिया है। इस सेगमेंट में अभी जीरोधा (Zerodha), ग्रो (Groww) और एंजेल वन (Angel One) का बोलबाला है यानी कि क्रेड को इनसे टक्कर लेनी होगी।
लगातार आगे बढ़ रही Cred
क्रेड को कुणाल शाह ने वर्ष 2018 में शुरू किया था। इसने अपने सर्विसेज का विस्तार किया है और क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट सर्विस से शुरुआत के बाद अब स्टॉक ब्रोकिंग में हाथ आजमाने जा रही है। इसने ऑनलाइन वेल्थ मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म कुवेरा को फरवरी 2024 में खरीदा था और इसके जरिए क्रेड ने म्यूचुअल फंड मार्केट में एंट्री की थी। कुवार ने एक बार अपनी सब्सिडियरी के जरिए स्टॉक ब्रोकिंग में हाथ आजमाने की कोशिश की थी लेकिन फिर इसने एप्लीकेशन वापस ले लिया। अब क्रेड जिस स्पेनी के जरिए स्टॉक ब्रोकिंग मार्केट में उतरने जा रही है, उसे इसने पिछले साल जुलाई 2023 में खरीदा था। सेविंग्स और इनवेस्टमेंट प्लेटफॉर्म स्पेनी के जरुए इसने लेंडिंग और वेल्थटेक स्पेस में एंट्री की थी।
स्टॉक ब्रोकिंग सेगमेंट में कैसा है माहौल?
ट्रांजैक्शन फीस, अकाउंट मैनेजमेंट और एडवायजरी सर्विसेज के जरिए स्टॉक ब्रोकिंग सेगमेंट से क्रेड को अतिरिक्त रेवेन्यू हासिल हो सकता है। पिछले कुछ समय से इसमें जमकर पैसा बरसा है। वित्त वर्ष 2024 की बात करें तो जीरोधा को 8320 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हुआ और 4700 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा मिला। वहीं ग्रो की ब्रोकरेज यूनिट का नेट प्रॉफिट 308 फीसदी बढ़ गया। धन अभी इस स्पेस में नई है और वित्त वर्ष 2024 में यह मुनाफे में आ गई और रेवेन्यू 600 फीसदी उछल गया। सितंबर 2024 में डीमैट अकाउंट्स की संख्या 17.5 करोड़ के पार पहुंच गई और ग्रोथ की गुंजाइश आगे भी काफी है। ऐसे में स्टॉक ब्रोकिंग मार्केट में काफी संभावनाएं हैं।
इस मार्केट में कॉम्पटीशन काफी है लेकिन क्रेड अपने करीब 1.3 करोड़ यूजर बेस से कुछ फायदा उठा सकता है। अभी इसके वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2024 में इसे करीब 2500 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हुआ जो महज तीन साल में ही तीन गुना बढ़ गया। इसने ऑपरेटिंग घाटे को 41 फीसदी घटाकर 609 करोड़ रुपये तक लाने में सफलता हासिल की है। अब यह 6 साल की हो चुकी है और इसकी नजरें अब प्रॉफिटेबिलिटी पर है।