UPL Shares: एग्रोकेमिकल कंपनी यूपीएल के शेयरहोल्डर्स को राइट्स इश्यू का तोहफा मिलने वाला है। राइट्स इश्यू के जरिए शेयरहोल्डर्स को सस्ते में शेयर खरीदने का मौका मिलता है। हालांकि अभी इसे लेकर 20 नवंबर के बोर्ड की बैठक में फैसला होगा। इस बैठक में इश्यू प्राइस, पेमेंट की शर्तें, राइट्स इश्यू के रेश्यो, रिकॉर्ड डेट और टाइमिंग को लेकर फैसला होगा। शेयरों की बात करें तो फिलहाल यह 525.35 रुपये के भाव (14 नवंबर को BSE पर क्लोजिंग प्राइस) पर है जो रिकॉर्ड हाई से करीब 16 फीसदी डाउनसाइड है। पिछले महीने 1 अक्टूबर 2024 को यह 625.00 रुपये के रिकॉर्ड हाई पर पहुंचा था। 14 मार्च 2024 को यह एक साल के निचले स्तर 448.00 रुपये पर था।
दिसंबर 2023 में ही बोर्ड ने दे दी थी UPL Rights Issue को मंजूरी
20 नवंबर के बोर्ड की बैठक में राइट्स इश्यू से जुड़ी बातों पर फैसला होगा, मंजूरी तो इसे पहले ही मिल चुकी है। कंपनी के बोर्ड ने पिछले साल दिसंबर 2023 में राइट्स इश्यू के जरिए 4200 करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी दे दी थी। हालांकि इसका साइज अब 50 करोड़ डॉलर से घटकर 40 करोड़ डॉलर रह गया है और इस बदलाव को अभी नियामकीय फीडबैक नहीं मिला है। हाल ही में सेबी ने राइट्स इश्यू से जुड़ी प्रोसेस में बड़ा बदलाव किया था कि बोर्ड से मंजूरी मिलने के 317 दिनों की बजाय 23 दिनों के भीतर इसे पूरा करना है।
शेयरों को लेकर ब्रोकरेजेज की क्या है राय?
सितंबर 2024 तिमाही में सालाना आधार पर यूपीएल का शुद्ध घाटा 189 करोड़ रुपये से बढ़कर 443 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। हालांकि इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू 9 फीसदी उछलकर 11,090 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। रेवेन्यू को वॉल्यूम में 16 फीसदी के उछाल से सपोर्ट मिला। क्रॉप प्रोटेक्शन में प्राइसिंग के दबाव के चलते इस दौरान मार्जिन 2.20 फीसदी गिरकर 37.7 फीसदी पर आ गया। EBITDA इस दौरान 1576 करोड़ रुपये पर स्थिर रहा लेकिन EBITDA मार्जिन 1.30 फीसदी गिरकर 14.2% पर आ गया।
सितंबर तिमाही के मिले-जुले नतीजे के बावजूद यूपीएल के शेयरों में बिकवाली का भारी दबाव नहीं आया क्योंकि मैनेजमेंट ने इस वित्त वर्ष 2025 के लक्ष्य में कोई बदलाव नहीं किया है। कंपनी ने इंवेंटरी मैनेजमेंट और आने वाले तिमाहियों में स्थिर भाव के जरिए कैश फ्लो और मार्जिन में सुधार की संभावना जताई है। इन सब बातों को देखते हुए कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने इसका टारगेट प्राइस बढ़ाकर 430 रुपये कर दिया है लेकिन सेल रेटिंग में कोई बदलाव नहीं किया क्योंकि इसका मानना है कि मार्केट रिकवरी सुस्त रह सकती है। ब्रोकरेज का कहना है कि वित्त वर्ष 2025 के लिए कंपनी का जो लक्ष्य है, उसे हासिल करने के लिए मार्जिन नें अहम सुधार जरूरी है।
डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए सलाह या विचार एक्सपर्ट/ब्रोकरेज फर्म के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदायी नहीं है। यूजर्स को मनीकंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले हमेशा सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।