Gold Prices Rate: सोने के दाम में शुक्रवार 15 नवंबर को मामूली गिरावट आई। इसके साथ ही सोने के लिए पिछले 3 साल से भी अधिक समय का सबसे खराब हफ्ता होने जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में, स्पॉट गोल्ड शुक्रवार को 0.1% की गिरावट के साथ 2,562.61 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था। इस पूरे हफ्ते इसमें 4% से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है। गोल्ड का भाव इसके साथ ही 2-महीने के अपने निचले स्तर पर पहुंच गया है और पिछले महीने के रिकॉर्ड स्तर से इसमें करीब 220 डॉलर से अधिक की गिरावट आ चुकी है। यूएस गोल्ड फ्यूचर्स भी 0.2% की गिरावट के साथ 2,567.10 डॉलर पर कारोबार कर रहा था।
भारत में सोने के दाम में आज गिरावट आई। दिल्ली में 24 कैरेट शुद्धता वाले 10 ग्राम सोने की कीमत 75,813 रुपये रही और यह इसके पिछले भाव से करीब 1,200 रुपये की गिरावट दिखाता है।
सोने के दाम में क्यों आ रही गिरावट?
इस हफ्ते सोने की कीमत में कई वजहों के चलते गिरावट देखने को मिली। इसमें अमेरिकी डॉलर में मजबूती और फेडरल रिजर्व की ओर से दरों में और कटौती नहीं करने की संभावना मुख्य वजह रही।
डोनाल्ड ट्रंप की चुनावी जीत के बाद डॉलर में उछाल आया, जिससे बाकी करेंसी में खरीदारी करने वालों के लिए सोना अधिक महंगा हो गया। एनालिस्ट्स ने यह भी बताया कि आने वाले महीनों में दरों में कम कटौती की उम्मीदों ने गोल्ड पर दबाव और बढ़ा दिया है।
Forex.com के मार्केट एनालिस्ट फवाद रजाकजादा ने कहा कि ट्रंप प्रशासन के दौरान 2025 में अमेरिकी की मॉनिटरी पॉलिसी और सख्त होने की उम्मीद है और इसके चलते सोने में कमजोरी देखी जा रही है। उन्होंने कहा कि ऊंची ब्याज दरें भी गोल्ड के लिए अच्छी नहीं होती हैं क्योंकि इससे बाकी एसेट्स में निवेश अधिक आकर्षक हो जाता है।
आगे कैसी रह सकती है चाल?
इन चुनौतियों के बावजूद, एनालिस्ट्स सोने के लॉन्ग-टर्म आउटलुक को लेकर पॉजिटिव बने हुए हैं। खासकर अगर आर्थिक अनिश्चितता जारी रहती है। सिटी इंडेक्स के सीनियर एनालिस्ट मैट सिम्पसन ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक के चेयरमैन का बयान सोने की कीमतों में ततकाल तेजी की संभावना को सीमित करता है। हालांकि ट्रंप के कार्याकाल में अगर अशांति रहती है, तो इससे इसकी कीमतें वापस मजबूत हो सकती हैं।
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