निफ्टी में 13 नवंबर को बड़ी गिरावट आई। इससे यह सितंबर के अपने सबसे हाई लेवल से 10 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है। इस दौरान विदेशी निवेशकों की बिकवाली के बीच घरेलू निवेशकों ने मार्केट को सहारा दिया है। 27 सितंबर को चीन में राहत पैकेज के ऐलान के बाद विदेशी निवेशकों ने चीन के मार्केट में निवेश करना शुरू किया है। इस महीने की शुरुआत में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत का असर भी विदेशी निवेश पर पड़ा है। इधर, दूसरी तिमाही में कंपनियों की कमजोर अर्निंग्स ग्रोथ ने भी मूड बिगाड़ने का काम किया है। पिछले डेढ़ महीने में विदेशी निवेशकों ने इंडियन मार्केट में रिकॉर्ड बिकवाली की है।
Nifty अपने 200-डे मूविंग एवरेज (200-DMA) के करीब आ गया है। एनालिस्ट्स का कहना है कि यह काफी ज्यादा ओवरसोल्ड है। जेपी मॉर्गन के एनालिस्ट ने कहा है कि चीन में जब तक बड़े राहत पैकेज का ऐलान नहीं हो जाता है, तब तक उभरते बाजारों में कमजोरी बनी रह सकती है। खासकर, ट्रंप की जीत के बाद टैरिफ को लेकर अनिश्चितितता की स्थिति बनी हुई है। इधर, अक्टूबर में रिटेल इनफ्लेशन बढ़कर 6.21 फीसदी हो गया है, जो 14 महीनों में सबसे ज्यादा है। इससे RBI के जल्द इंटरेस्ट रेट घटाने की उम्मीद कम हो गई है। एनालिस्ट्स और ब्रोकरेज फर्में पहले से इंडियन मार्केट्स की वैल्यूएशन ज्यादा बताती आ रही है।
अब सवाल है कि क्या अब तक बाजार को सहारा देने वाले घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) के रुख में भी बदलाव आ सकता है या वे गिरावट के इस मौके का इस्तेमाल खरीदारी के लिए करते रहेंगे?
FSN e-Commerce Ventures (Nykaa)
नायका के शेयरों में 13 नवंबर को 2.5 फीसदी गिरावट आई। स्टॉक्स 173.25 रुपये पर बंद हुए। हालांकि, दूसरी तिमाही में कंपनी का प्रॉफिट साल दर साल आधार पर 66 फीसदी बढ़ा है। बुल्स का कहना है कि ब्यूटी और पर्सनल केयर स्पेस में नायका का ब्रांड काफी स्ट्रॉन्ग है। इसकी प्रोडक्ट रेंज भी काफी बड़ी है। इससे FSN e-Commerce Ventures की रेवेन्यू ग्रोथ अच्छी रहने की उम्मीद है। खासकर कंपनी को टियर 2 और टियर 3 शहरों में विस्तार करने का फायदा मिलेगा। उधर, बेयर्स की दलील है कि कंपनी का मार्केटिंग और सेलिंग एक्सपेंस बढ़ रहा है, जिसका असर मार्जिन पर पड़ सकता है। क्विक-कॉमर्स कंपनियां भी अपनी प्रोडक्ट्स ऑफरिंग में ब्यूटी और पर्सनल केयर को शामिल कर रही हैं, जिसका असर नायका की बाजार हिस्सेदारी पर पड़ सकता है।
एनटीपीसी का शेयर 13 नबंर को बगैर किसी बदलाव के 380.45 रुपये पर बंद हुआ। मैक्वायरी ने एनटीपीसी के शेयरों को कवर करना शुरू किया है। उसने NTPC के शेयरों का प्रदर्शन अच्छा रहने की उम्मीद जताई है। मैक्वायरी का कहना है कि एनटीपीसी पूंजीगत खर्च कर रही हैं। साथ ही रिन्यूएबल एनर्जी में इसकी अच्छी मौजूदगी है। कंपनी थर्मल पावर कैपेसिटी बढ़ाने के लिए ब्राउनफील्ड एक्सपैंसन पर जोर दे रही है। इससे एग्जिक्यूशन स्लिपेज रिस्क ज्यादा नहीं है। न्यूक्लियर एनर्जी से लंबी अवधि में ग्रोथ को सपोर्ट मिल सकता है। पिछले तीन सालों में एनटीपीसी के शेयरों का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। उधर, बेयर्स का कहना है कि प्रोजेक्ट्स एग्जिक्यूशन में देरी का असर अर्निंग्स/वैल्यूएशन पर पड़ सकता है।