NTPC Green Energy IPO: एनटीपीसी की पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी कंपनी एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (NGEL) का आईपीओ 19 नवंबर को खुलने के लिए तैयार है। कंपनी का इरादा पब्लिक इश्यू के जरिए 10000 करोड़ रुपये जुटाने का है। आईपीओ के लिए 102-108 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया गया है। इस आईपीओ के तहत केवल फ्रेश इक्विटी शेयर जारी होंगे और इसमें ऑफर फॉर सेल (OFS) कंपोनेंट नहीं है। इसका मतलब है कि आईपीओ से होने वाली पूरी आय कंपनी को जाएगी। निवेशकों के पास इसमें 22 नवंबर तक निवेश का मौका रहेगा। इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स 18 नवंबर को 3960 करोड़ रुपये तक की एंकर बुक में भाग ले सकते हैं।
NTPC Green Energy के लिए क्यों अहम है यह IPO
NGEL का यह आईपीओ कंपनी के FY32 तक 60 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी कैपिसिटी हासिल करने के लक्ष्य को हासिल करने में मददगार साबित होगा। इस 60 गीगावाट से 4.5 करोड़ घरों को बिजली मिल सकती है। वर्तमान में नॉन-फॉसिल फ्यूल से उत्पादित बिजली चौबीसों घंटे उपलब्ध नहीं है, क्योंकि ग्रिड-स्केल एनर्जी स्टोरेज की कमी है, जिसकी ऐसे सिस्टम्स को जरूरत होती है। एनटीपीसी ने 2032 तक अपने कुल बिजली उत्पादन का 45 फीसदी रिन्यूएबल एनर्जी स्रोतों से प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है।
NGEL द्वारा सफल आईपीओ देश में ओवरऑल रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अधिक निवेश आकर्षित करेगा। भारत का लक्ष्य 2030 तक 500GW रिन्यूएबल एनर्जी जोड़ना और 2070 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन पर पहुंचना है। बिजली मंत्रालय के अनुसार इस साल भारत की अधिकतम बिजली मांग 250 गीगावाट तक पहुंच गई, लेकिन रिन्यूएबल एनर्जी के माध्यम से पूरी की गई डिमांड केवल 20 फीसदी थी।
NTPC Green Energy IPO के बारे में
NTPC ग्रीन एनर्जी के आईपीओ में नेट इश्यू साइज का 75 फीसदी हिस्सा (कर्मचारियों और शेयरधारकों के हिस्से को छोड़कर) क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स के लिए, 15 फीसदी नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स के लिए और शेष 10 फीसदी खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित किया गया है। कंपनी के शेयर 27 नवंबर से BSE और NSE पर कारोबार के लिए उपलब्ध होंगे।
NTPC का ग्रीन एनर्जी बिजनेस
एनटीपीसी ने घोषणा की है कि अब से एनटीपीसी ग्रुप की सभी तरह की रिन्यूएबल एनर्जी कैपिसिटी वृद्धि NGEL के अधीन होगी। कंपनी ने पहले ही 4 गीगावाट (4,013 मेगावाट) ऐसी प्रोजेक्ट्स शुरू कर दी हैं। इस वित्तीय वर्ष में यह 3 गीगावाट और जोड़ेगी। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, “अगले साल (FY26) में हमारी रिन्यूएबल एनर्जी कैपिसिटी वृद्धि 5 गीगावाट होगी। और उसके अगले साल यह 8 गीगावाट होगी। इसलिए, FY27 तक हमारी ऑपरेशनल RE कैपिसिटी 19.4 गीगावाट हो जाएगी।”
NGEL गुजरात के कच्छ जिले के खावड़ा गांव में किसी भी पब्लिक सेक्टर कंपनी द्वारा शुरू की गई सबसे बड़ी रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट का निर्माण कर रही है। इसमें कुल 2.45 गीगावाट की दो सोलर प्रोजेक्ट्स शामिल हैं। सितंबर में NGEL ने राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड और महात्मा फुले रिन्यूएबल एनर्जी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर टेक्नोलॉजी लिमिटेड के साथ राजस्थान और महाराष्ट्र में 25 गीगावाट और 10 गीगावाट की रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स के विकास के लिए एक ज्वाइंट वेंचर एग्रीमेंट पर साइन किए।
कंपनी आंध्र प्रदेश के पुदीमदका में एक ग्रीन हाइड्रोजन हब भी विकसित कर रही है। इसके अलावा, NGEL ग्रिड-स्केल बैटरी स्टोरेज सिस्टम स्थापित करने का इरादा रखती है और चौबीसों घंटे 2 गीगावाट की रिन्यूएबल एनर्जी कैपिसिटी विकसित कर रही है। इसमें 1.3 गीगावाट की दुनिया की 24/7 रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स में से एक शामिल है। इसका लक्ष्य 2030 तक 18.9 गीगावाट की पंप स्टोरेज पावर सिस्टम विकसित करना है।
NTPC Green Energy IPO: कहां होगा फंड का इस्तेमाल
एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी यूटिलिटी स्केल रिन्यूएबल पावर प्रोजेक्ट्स का पोर्टफोलियो डेवलप करती है। कंपनी आईपीओ से हासिल पैसों में से 7500 करोड़ रुपये का इस्तेमाल अपनी सहायक कंपनी एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी (NREL) के कर्ज को चुकाने के लिए करेगी। बाकी अमाउंट को सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करने का प्लान है। NREL पर जुलाई 2024 तक कंसोलिडेटेड बेसिस पर 16,235 करोड़ रुपये की उधारी थी। एनटीपीसी को पहले नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन के नाम से जाना जाता था। इसकी स्थापित क्षमता 76 गीगावाट से अधिक है, जो इसे भारत की सबसे बड़ी इंटीग्रेटेड पावर कंपनी बनाती है।
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