Markets

सुस्त प्रॉफिट और रेवेन्यू ग्रोथ का असर कंपनियों के इंटरेस्ट चुकाने की क्षमता पर नहीं पड़ा है, जानिए इसकी वजह

सितंबर तिमाही में कंपनियों की प्रॉफिट और रेवेन्यू ग्रोथ कमजोर रही है। साथ ही लोन का इंटरेस्ट रेट भी हाई है। लेकिन, इसका असर कंपनियों की कर्ज चुकाने की क्षमता पर नहीं पड़ा है। इससे पहले प्रॉफिट और रेवेन्यू ग्रोथ घटने का असर इंटरेस्ट चुकाने की कंपनियों की क्षमता पर पड़ता था। मनीकंट्रोल के सर्वे से पता चला है कि सितंबर तिमाही में बड़ी, मध्यम और छोटी कंपनियों के इंटरेस्ट-कवरेज रेशियो (आईसीआर) में जून तिमाही के मुकाबले मामूली गिरावट आई है। उनका आईसीआर 4-5 के बीच था, जिसे सुरक्षित माना जाता है।

क्या है इंटरेस्ट कवरेज रेशियो?

Interest Coverage Ratio (ICR) से कंपनी के कर्ज का इंटरेस्ट चुकाने की क्षमता का पता चलता है। आईसीआर का मतलब कंपनी के कुल ऑपरेटिंग प्रॉफिट में इंटरेस्ट पर होने वाले खर्च की हिस्सेदारी है। 87 बीएसई मिडकैप कंपनियों का आईसीआर जून तिमाही में 4.96 था। यह सितंबर तिमाही में गिरकर 4.37 फीसदी पर आ गया। 543 बीएसई स्मॉलकैप कंपनियों का आईसीआर जून तिमाही में 4.53 था, जो सितंबर तिमाही में गिरकर 4.32 पर आ गया। उधर, BSE 500 की 344 कपनियों का ICR 7.12 से घटकर 6.48 पर आ गया। यह जानकारी ACE Equities के डेटा पर आधारित है। इस विश्लेषण में बैंक, फाइनेंशियल्स, इंश्योरेंस, ऑयल एंड गैस कंपनियां शामिल नहीं हैं।

 

कंपनियां कई रास्ते से फंड जुटाने में कामयाब रही हैं

एक्सपर्ट्स का कहना है कि सुस्त क्रेडिट ग्रोथ और हाई इंटरेस्ट रेट्स के बावजूद छोटी कंपनियां को कर्ज पर इंटरेस्ट चुकाने में दिक्कत नहीं आई है। एनालिस्ट्स इसकी वजह कंपनियों की वैकल्पिक फंडिंड स्ट्रेटेजी को बता रहे हैं। कंपनियों इक्विटी मार्केट का इस्तेमाल करने के साथ ही प्रमोटर की हिस्सेदारी घटा रही हैं। वे क्वालिफायड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट और प्रिफरेंशियल इश्यू से भी पैसे जुटा रही हैं। इससे प्रॉफिट और रेवेन्यू ग्रोथ घटने के बावजूद उन्हें इंटरेस्ट पेमेंट में दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ रहा है।

2024 में कंपनियों ने जुटाए काफी पैसे

2024 में अब तक प्रिफरेंशियल इश्यू से 70,000 करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाए हैं। यह 2023 में जुटाए गए 67,173 करोड़ रुपये से ज्यादा है। 68 कंपनियों ने इस साल क्वालिफायड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) से 1.04 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं। एक साल पहले उन्होंने 49,435 करोड़ रुपये जुटाए थे। एक्सपर्ट का कहना है कि पिछले तीन सालों में स्टॉक मार्केट में तेजी रही है। इसका इस्तेमाल कंपनियों ने पैसे जुटाने के लिए किया है।

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top
NIFTY 50 
₹ 23,532.70  0.11%  
NIFTY BANK 
₹ 50,179.55  0.18%  
S&P BSE SENSEX 
₹ 77,580.31  0.14%  
RELIANCE INDUSTRIES LTD 
₹ 1,267.60  1.24%  
HDFC BANK LTD 
₹ 1,692.75  0.68%  
CIPLA LTD 
₹ 1,499.75  0.39%  
TATA MOTORS LIMITED 
₹ 774.30  1.52%  
STATE BANK OF INDIA 
₹ 804.25  0.54%  
BAJAJ FINANCE LIMITED 
₹ 6,549.15  0.26%  
BHARTI AIRTEL LIMITED 
₹ 1,550.50  0.00%  
WIPRO LTD 
₹ 566.70  0.40%  
ICICI BANK LTD. 
₹ 1,256.95  0.26%  
TATA STEEL LIMITED 
₹ 137.98  0.86%  
HINDALCO INDUSTRIES LTD 
₹ 627.35  0.12%