धनाढ्य निवेशकों (HNI) और अति धनाढ्य निवेशकों (UHNI) के लिए शेयर सबसे पसंदीदा परिसंपत्ति वर्ग है। इसका खुलासा 360 वन वेल्थ और क्रिसिल की के सर्वे से हुआ। करीब 39 फीसदी उत्तरदाताओं ने इक्विटी यानी शेयरों को अपनी पहली पसंद बताया। इसके बाद डेट और रियल एस्टेट को पसंद करने वाले 20-20 फीसदी उत्तरदाता हैं।
सर्वे में 388 एचएनआई और अल्ट्रा एचएनआई शामिल हुए। इसमें पाया गया कि 69 फीसदी अमीर निवेशक इक्विटी बाजार को बेहतर तरीके से समझते हैं। इसके बाद फिक्स्ड इनकम (66 फीसदी) और रियल एस्टेट (41 फीसदी) का स्थान रहा। इन निवेशों की प्राथमिक वजह पूंजी में बढ़ोतरी रही।
हालांकि सर्वे में शामिल सिर्फ 15 से 28 फीसदी अमीरों और बेहद अमीरों ने कहा कि उन्हें गिफ्ट सिटी, लार्ज वैल्यू फंडों, रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (रीट्स) और मार्केट लिंक्ड डिबेंचर के जरिये अंतरराष्ट्रीय निवेश के स्तर की समान रूप से समझ है।
साथ ही सर्वे से खुलासा हुआ कि 77 फीसदी उत्तरदाताओं को निवेश के फैसले के लिए पेशेवरों की सहायता की जरूरत होती है जिससे संपदा सलाहकारों की अहम भूमिका का पता चलता है। करीब 30 फीसदी निवेशकों ने प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों पर आधारित शुल्क का भुगतान कर सलाहकार सेवाएं लेने को प्राथमिकता दी।
इतना ही नहीं, सर्वे में शामिल कुल उत्तरदाताओं में से 90 फीसदी अपनी संपत्तियों पर वैश्विक घटनाक्रम के असर को लेकर चिंतित थे। हालांकि 60 साल से ज्यादा के एचएनआई और अल्ट्रा-एचएनआई उस युवा पीढ़ी के मुकाबले कम चिंतित दिखे जो अभी 40 साल की दहलीज तक नहीं पहुंची है। इसकी वजह शायद यह है कि बाजार के चक्रों के साथ जीने से हम ज्यादा मजबूत हो जाते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक 10 फीसदी निवेशकों ने परिसंपत्ति वर्ग के तौर पर सोने को तरजीह दी क्योंकि यह पोर्टफोलियो की बेहतर सुरक्षा के तौर पर काम करता है। इसके अलावा करीब 41 फीसदी उत्तरदाता विदेश में निवेश को इच्छुक दिखे। इनमें अल्ट्रा एचएनआई की ज्यादा (51 फीसदी) दिलचस्पी नजर आई जबकि 30 फीसदी एचएनआई इसके इच्छुक रहे।