Q2 results : दूसरी तिमाही के नतीजों के सीजन का करीब-करीब खत्म हो गया है। Q2 में किन सेक्टर्स ने खुश किया, किसने निराश किया। इस पर हम आपके लिए एक रिपोर्ट लेकर आए हैं। ये देखते हैं दूसरी तिमाही में हिट और मिस के आंकड़े क्या कहते हैं। Q2 नतीजों से मिलने वाले संकेत की बात करें तो FMCG डिमांड कमजोर नजर आई है। अर्बन कंजम्प्शन में सुस्ती देखने को मिली है। हालांकि IT सर्विस की डिमांड में थोड़ी रिकवरी आई है। बैंकिंग सेक्टर के प्रॉफिट में सुधार आया है। एसेट क्वालिटी का ट्रेंड भी पॉजिटिव रहा है। हालांकि FMCG, ऑयल एंड गैस, माइक्रोफाइनेंस, ऑटो सेक्टर में अर्निंग्स डाउनग्रेड हुए हैं।
Q2 सेक्टर के MISS और हिट रेश्यो
दूसरी तिमाही में OMCs कंपनियों और माइक्रोफाइनेंस कंपनियों ने अपने अनुमानों को 100 फीसदी मिस किया है। वहीं, बिल्डिंग मैटेरियल में 8 फीसदी मिस देखने को मिला है। इस अवधि में मेटल सेक्टर के 83 फीसदी नतीजे उम्मीद के मुताबिक रहे हैं। वहीं, ऑटो एंसिलियरी कंपनियों के 75 फीसदी नतीजे उम्मीद के मुताबिक रहे हैं। जबकि AMC- MF हाउसेज के 67 फीसदी नतीजे उम्मीद के मुताबिक रहे हैं।
FMCG: Q2 से संकेत
शहरी मार्केट में कमजोर ट्रेंड देखने को मिला है। अब तक फेस्टिव सीजन डिमांड में सुस्ती देखने को मिली है। कमजोर वॉल्यूम के चलते मार्जिन पर प्रेशर देखने को मिला है। Q2 में कंज्यूमर कंपनियों के प्रदर्शन पर नजर डालें तो टाटा कंज्यूमर टी बिजनेस के वॉल्यूम में सालाना आधार पर 3 की गिरावट देखने को मिली है। वहीं,यूनाइटेड स्पिरिट्स के वॉल्यूम में 4 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं, HUL के वॉल्यूम में सालाना आधार पर 4 फीसदी की बढ़त हुई है। इसी तरह कोलगेट के वॉल्यूम में 4 फीसदी, ITC सिगरेट में 3 फीसदी और ब्रिटानिया के वॉल्यूम में सालाना आधार पर 8 फीसदी की बढ़त हुई है।
कंज्यूमर कंपनियों के मार्जिन पर दबाव
दूसरी तिमाही में कंज्यूमर कंपनियों के मार्जिन पर दबाव दिखा है। डीमार्ट का मार्जिन तिमाही सालाना आधार पर 8.6 फीसदी से घट कर 8 फीसदी पर, ITC का मार्जिन 36.4 फीसदी के मुकाबले 36.5 फीसदी पर, टाइटन का मार्जिन 12.2 फीसदी से घटकर 11.6 फीसदी पर रहा है। हालांकि HUL का मार्जिन 22.9 फीसदी के मुकाबले 24.2 फीसदी पर रहा है।
बैंक, IT सर्विसेज और रियल्टी के नतीजे अच्छे
दूसरी तिमाही में बैंक, IT सर्विसेज और रियल्टी के नतीजे अनुमान के मुताबिक रहे हैं। IT सर्विसेज में डिमांड में रिकवरी आई है। बैंकों और रियल्टी कंपनियों के नतीजे अच्छे रहे हैं। बैंकों के लोन ग्रोथ पर नजर डालें तो बैंक ऑफ बड़ौदा की लोन ग्रोथ 12 फीसदी, यूनियन बैंक की 12 फीसदी सिटी यूनियन बैंक की 12 फीसदी, बंधन बैंक की 24 फीसदी और DCB बैंक की 19 फीसदी ICICI बैंक की 15 फीसदी औ इंडसइंड बैंक का लोन ग्रोथ सालाना आधार पर 13 फीसदी पर रही है।
Q2 में सीमेंट कंपनियां
Q2 में सीमेंट कंपनियों के वॉल्यूम पर नजर डालें तो ACC के वॉल्यूम में सालाना आधार पर 15 फीसदी, डालमिया भारत के वॉल्यूम में सालाना आधार पर 8 फीसदी और अल्ट्राटेक के वॉल्यूम में सालाना आधार पर 3 फीसदी की बढ़त रही है।
IT: Q2 CC रेवेन्यू ग्रोथ
IT कंपनियों के दूसरी तिमाही के CC रेवेन्यू ग्रोथ के आंकड़ों पर नजर डालें तो तिमाही आधार पर HCL टेक की कॉन्सटेंट करेंसी रेवेन्यू ग्रोथ 1.6 फीसदी पर, इंफोसिस की 3.1 फीसदी पर, TCS की 0.9 फीसदी पर, टेक महिंद्रा की 1.9 फीसदी पर और विप्रो की 0.6 फीसदी पर रही है।
Q2 नतीजों पर कोटक सिक्योरिटीज
दूसरी तिमाही के नतीजों पर कोटक सिक्योरिटीज का कहना है कि वित्त वर्ष 2025 में निफ्टी कंपनियों के नतीजों में 5 फीसदी की ग्रोथ संभव है। वित्त वर्ष 2025 के नतीजों में बैंक-फाइनेंस, IT सर्विसेज का ज्यादा योगदान होगा। FY25 के नतीजों में मेटल और माइनिंग का भी योगदान रहेगा। अच्छे और खराब नतीजों का शेयरों पर असर दिखने लगा है।