Stock Market: भारतीय शेयर बाजार आज 12 नवंबर को लगातार चौथे दिन गिरावट के साथ बंद हुआ है। सेंसेक्स और निफ्टी 50 दोनों में आज एक फीसदी से अधिक की गिरावट देखी गई। विदेशी फंड की लगातार निकासी, डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद डॉलर में मजबूती और ग्लोबल मार्केट में कमजोरी के बीच शेयर बाजार में चौतरफा बिकवाली हो रही है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि नियर टर्म में बाजार की दिशा FII की बिकवाली और DII की खरीद के साथ-साथ आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव जैसे फैक्टर्स से तय होने की संभावना है।
डॉलर की मजबूती ने बढ़ाई टेंशन
NSE निफ्टी 50 आज 1.1 फीसदी या 257.85 अंक गिरकर 23,883.45 पर बंद हुआ, जबकि सेंसेक्स 820.97 अंक गिरकर 78,675.18 पर क्लोज हुआ है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा, “FII के बिकवाली ने डोमेस्टिक मार्केट को प्रभावित करना जारी रखा। अग्रेसिव ‘ट्रम्पोनॉमिक्स’ के चलते डॉलर की हालिया मजबूती ने आशंकाओं को और बढ़ा दिया है।
शुरुआती तेजी के बावजूद निफ्टी में पहले हाफ में तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिला, लेकिन उसके बाद हैवीवेट शेयरों में बिकवाली के दबाव ने मोमेंटम को नीचे शिफ्ट कर दिया। ऑटो, एफएमसीजी और मेटल समेत अधिकांश सेक्टर्स को नुकसान का सामना करना पड़ा। निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप में लगभग 1.5 फीसदी की गिरावट देखी गई।
मार्केट सेटअप: निफ्टी पर एक्सपर्ट्स की राय
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के SVP (रिसर्च) अजीत मिश्रा ने कहा कि निफ्टी अब अपने पिछले स्विंग लो, लगभग 23800 के करीब पहुंच गया है, जिसमें बैंकिंग स्टॉक्स गिरावट का नेतृत्व कर रहे हैं और एक बार फिर रिकवरी की उम्मीदों को कम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “मौजूदा संकेतों से पता चलता है कि 200-डे EMA लेवल पर लॉन्ग टर्म मूविंग एवरेज का पोटेंशियल टेस्ट हो सकता है, जो लगभग 23,540 है। पार्टिसिपेंट्स को अपने पोजिशन को इसके अनुसार एडजस्ट करना चाहिए और चुनिंदा स्टॉक चुनने को प्राथमिकता देनी चाहिए।”
आज निफ्टी में 43 इंडेक्स स्टॉक गिरावट के साथ बंद हुए, जिसमें वित्तीय शेयरों ने निफ्टी के 270 अंकों की गिरावट में 140 अंकों से अधिक का योगदान दिया। निफ्टी ऑटो और पीएसयू बैंक में 2 फीसदी की गिरावट आई। इससे पहले सोमवार को FII ने 2307 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची, जबकि DII ने शेयरों में 2027 करोड़ रुपये डाले।
FII और DII में खींचतान
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रेटेजिस्ट वीके विजयकुमार ने कहा, “इस कंसोलिडेटिंग मार्केट में दो मजबूत फैक्टर काम कर रहे हैं। पहला, FII की लगातार बिकवाली ने बियर्स को लाभ पहुंचाया है और बाजार को नीचे खींच लिया है। दूसरा, DII की लगातार खरीद ने बाजार को सहारा दिया है और गिरावट को रोका है। आने वाले दिनों में बाजार का रुख इन दो फैक्टर्स की रिलेटिव स्ट्रेंथ पर निर्भर करेगा।”
वेल्थमिल्स सिक्योरिटीज में इक्विटी स्ट्रैटेजी के डायरेक्टर क्रांति बाथिनी ने कहा कि आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव भी मौजूदा वोलैटाइल मार्केट कंडीशन को प्रभावित करने वाला एक फैक्टर हो सकता है। राज्य में 20 नवंबर को एक चरण में विधानसभा चुनाव होने हैं, जबकि 23 नवंबर को मतगणना होनी है। एशियाई बाजारों में सियोल, टोक्यो, शंघाई और हांगकांग में गिरावट दर्ज की गई। यूरोपीय शेयर बाजार भी लाल निशान में कारोबार कर रहे थे, जबकि वॉल स्ट्रीट सोमवार को बढ़त के साथ बंद हुआ।
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