Markets

FIIs की बिकवाली के बाद अब डोमेस्टिक इनवेस्टमेंट में सुस्ती की चुनौती से भी जूझ रहा बाजार

अगर तेज शेयर बाजार नए निवेशकों को आकर्षित करता है, तो गिरावट के दौर में वे बाजार से मुक्त होने लगते हैं। भारतीय शेयर बाजार का ट्रेंड इस बात की तस्दीक करता है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर में लगातार तीसरे महीने नए SIP (सिस्टेमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान) में गिरावट देखने को मिली, जबकि इस दौरान बाजार में बिकवाली भी तेज है।

अक्टूबर के दौरान SIP के फ्लो में सुस्ती के बावजूद इक्विटी फंड का इनफ्लो रिकॉर्ड 41,887 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। ओपन-एंडेंड इक्विटी फंड्स में लगातार 44वें महीने नेट पॉजिटिव इनफ्लो देखने को मिला। दरअसल, इस दौरान 29 नई स्कीम लॉन्च की गई। इसके अलावा, अक्टूबर में SIP के जरिये जुटाया गया फंड 25,322 करोड़ रुपये के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया यानी एवरेज SIP साइज में बढ़ोतरी रही।

बहरहाल, मोटे तौर पर स्थिति चिंताजनक नहीं है, लेकिन कुछ चिंताएं उभरकर सामने आ रही हैं। SIP खाते खुलने की संख्या में गिरावट के अलावा, SIP स्टॉपेज रेशियो लगातार दूसरे महीने 60 पर्सेंट से ऊपर रहा है। अक्टूबर में यह 5 महीने के ऊपर पहुंच गया। SIP स्टॉपेज रेशियो से यह पता चलता है कि किसी महीने में कितने SIP खाते खुले और कितने बंद हुए। अगर स्टॉपेज रेशियो 60 पर्सेंट है, तो इसका मतलब यह है कि अगर 10 खाते खुल रहे हैं, तो 6 बंद हो रहे हैं।

 

अक्टूबर में 24.9 लाख नए SIP खाते खुले, जबकि सितंबर और अगस्त 2024 में यह आंकड़ा 26.1 लाख और 27.4 लाख था। इससे पहले जुलाई में यह आंकड़ा अपने पीक यानी 35.3 लाख पर पहुंच गया था। नए खाते खुलने में गिरावट और स्टॉपेज रेशियो में बढ़ोतरी का मतलब यह है कि बाजार में घरेलू पूंजी का फ्लो कम रहेगा।

पिछले 32 कारोबारी दिवस में फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (FIIs) ने 1.50 लाख करोड़ रुपये बाजार से निकाले हैं और इस वजह से शेयर बाजार में 9 पर्सेंट की गिरावट हुई। हालांकि, इस दौरान घरेलू फंडों के निवेश ने इस बिकवाली को काफी हद तक पचा लिया। हालांकि, अब घरेलू स्तर पर निवेश में सुस्ती से इस बात को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं कि क्या बिकवाली के दबाव को पचाने के लिए घरेलू फंडों के पास पर्याप्त पूंजी है।

बहरहाल, फंड फ्लो के हालिया पैटर्न से पता चलता है कि घरेलू और विदेशी, दोनों तरह के निवेशक सतर्कतापूर्ण रवैया अपना रहे हैं। नए SIP खातों के ट्रेंड के जरिये रिटेल इनवेस्टर्स भी सुस्ती का संकेत दे रहे हैं। जब तक ब्याज दरों में कटौती और इकोनोमिक ग्रोथ में तेजी के संकेत नहीं मिलते, तब तक बाजार में सावधानी बरतना बेहतर रहेगा।

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top
NIFTY 50 
₹ 23,349.90  0.72%  
NIFTY BANK 
₹ 50,372.90  0.50%  
S&P BSE SENSEX 
₹ 77,155.79  0.54%  
RELIANCE INDUSTRIES LTD 
₹ 1,223.00  1.50%  
HDFC BANK LTD 
₹ 1,741.20  0.06%  
CIPLA LTD 
₹ 1,465.50  0.41%  
TATA MOTORS LIMITED 
₹ 773.85  1.19%  
STATE BANK OF INDIA 
₹ 780.75  2.77%  
BAJAJ FINANCE LIMITED 
₹ 6,465.65  1.97%  
BHARTI AIRTEL LIMITED 
₹ 1,525.15  0.02%  
WIPRO LTD 
₹ 557.15  0.86%  
ICICI BANK LTD. 
₹ 1,250.55  0.12%  
TATA STEEL LIMITED 
₹ 140.22  0.54%  
HINDALCO INDUSTRIES LTD 
₹ 648.05  1.26%