स्विगी लिमिटेड और ACME सोलर होल्डिंग्स लिमिटेड के शेयर आज (13 नवंबर) स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हो गए हैं। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर शेयर इश्यू प्राइस से 7.69% ऊपर ₹420 पर लिस्ट हुआ। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर स्विगी लिमिटेड का शेयर इश्यू प्राइस से 5.64% ऊपर ₹412 पर लिस्ट हुआ। स्विगी लिमिटेड के IPO का इश्यू प्राइस ₹390 प्रति शेयर था।
वहीं, ACME सोलर होल्डिंग्स का शेयर NSE पर इश्यू प्राइस से 13.15% नीचे ₹251 पर लिस्ट हुआ। BSE पर ये शेयर इश्यू प्राइस से 10.38% नीचे ₹259 पर लिस्ट हुआ। ACME सोलर होल्डिंग्स के इनिशियल पब्लिक ऑफर का इश्यू प्राइस ₹289 प्रति शेयर था।
6 से 8 नवंबर तक ओपन थे दोनों IPO
स्विगी लिमिटेड और ACME सोलर होल्डिंग्स लिमिटेड का IPO 6 से 8 नवंबर तक ओपन थे। तीन कारोबारी दिन में स्विगी का IPO टोटल 3.59 गुना सब्सक्राइब हुआ था। रिटेल कैटेगरी में यह इश्यू 1.14 गुना, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) में 6.02 गुना और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) कैटगरी में 0.41 गुना सब्सक्राइब हुआ था।
जबकि, ACME सोलर होल्डिंग्स का IPO टोटल 2.89 गुना सब्सक्राइब हुआ था। रिटेल कैटेगरी में यह इश्यू 3.25 गुना, QIB में 3.72 गुना और NII कैटगरी में 1.02 गुना सब्सक्राइब हुआ था।
1. स्विगी लिमिटेड : इश्यू ₹11,327.43 करोड़ का था
स्विगी लिमिटेड का ये IPO टोटल ₹11,327.43 करोड़ का था। इसके लिए कंपनी ₹4,499 करोड़ के 11,53,58,974 फ्रेश शेयर इश्यू किए। जबकि, कंपनी के मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल यानी OFS के जरिए ₹6,828.43 करोड़ के 17,50,87,863 शेयर बेचे।
मैक्सिमम 494 शेयर के लिए बिडिंग कर सकते थे रिटेल निवेशक
स्विगी लिमिटेड ने IPO का प्राइस बैंड ₹371-₹390 तय किया था। रिटेल निवेशक मिनिमम एक लॉट यानी 38 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते थे। यदि आप IPO के अपर प्राइज बैंड ₹390 के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते, तो इसके लिए ₹14,820 इन्वेस्ट करने होते।
वहीं, मैक्सिमम 13 लॉट यानी 494 शेयर्स के लिए रिटेल निवेशक अप्लाय कर सकते थे। इसके लिए निवेशकों को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से ₹192,660 इन्वेस्ट करने होते।
वित्त वर्ष 2024 में स्विगी का रेवेन्यू 36% बढ़ा
वित्त वर्ष 2024 में स्विगी का रेवेन्यू 36% बढ़कर 11,247 करोड़ रुपए रहा, जो इसके पिछले वित्त वर्ष में 8,265 करोड़ रुपए था। वहीं कंपनी ने इस दौरान अपने घाटे को भी 44% तक कम कर लिया और वित्त वर्ष 2024 में यह 2,350 करोड़ रुपए रहा, जो इसके पिछले साल 4,179 करोड़ रुपए था। कंपनी को अपनी लागत को काबू में रखने के चलते घाटा कम करने में मदद मिली है।
हालांकि, स्विगी का प्रदर्शन जोमैटो की तुलना में कम है, फिर भी उसने FY24 में अपने प्रतिद्वंद्वी से अंतर को कम किया है। जोमैटो ने वित्त वर्ष 2024 में 12,114 करोड़ रुपए का रेवेन्यू दर्ज किया, जबकि स्विगी का रेवेन्यू 11,247 करोड़ रुपए रहा। इसी तरह, जोमैटो ने 351 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया, जबकि स्विगी का घाटा 2,350 करोड़ रुपए रहा था।
2. ACME सोलर होल्डिंग्स लिमिटेड: इश्यू ₹2,900 करोड़ का था
ACME सोलर होल्डिंग्स का ये IPO टोटल ₹2,900 करोड़ का था। इसके लिए कंपनी ₹2,395 करोड़ के 82,871,973 फ्रेश शेयर इश्यू किए। जबकि, कंपनी के मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल यानी OFS के जरिए ₹505 करोड़ के 17,474,049 शेयर बेचे।
मैक्सिमम 494 शेयर के लिए बिडिंग कर सकते थे रिटेल निवेशक
ACME सोलर होल्डिंग्स ने IPO का प्राइस बैंड ₹275-₹289 तय किया था। रिटेल निवेशक मिनिमम एक लॉट यानी 51 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते थे। यदि आप IPO के अपर प्राइज बैंड ₹289 के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते, तो इसके लिए ₹14,739 इन्वेस्ट करने होते।
वहीं, मैक्सिमम 13 लॉट यानी 663 शेयर्स के लिए रिटेल निवेशक अप्लाय कर सकते थे। इसके लिए निवेशकों को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से ₹191,607 इन्वेस्ट करने होते।
जून 2015 में स्थापित हुई थी ACME सोलर होल्डिंग्स
ACME सोलर होल्डिंग्स लिमिटेड जून 2015 में स्थापित हुई थी, जो रिन्यूएबल एनर्जी सोर्सेज से बिजली बनाती है। कंपनी भारत में विंड और सोलर एनर्जी से बिजली बनाने वाली बड़ी कंपनियों में से एक है। कंपनी बड़े पैमाने पर रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट के डेवलपमेंट, कंस्ट्रक्शन, ओनरशिप, ऑपरेशन और मेंटेनेंस करने का काम करती है।
दोनों IPO में 10% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व था
दोनों कंपनियों ने अपने-अपने IPO का 75% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा था। इसके अलावा 10% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और बाकी का 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व था।
IPO क्या होता है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।