सरकारी कंपनी पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (PFC) ने शपूरजी पल्लोनजी समूह को कर्ज न देने का फैसला किया है। इससे समूह की लगभग 20,251 करोड़ रुपये (2.4 अरब डॉलर) के कर्ज को रीफाइनेंस करने की स्कीम पर संदेह पैदा हो गया है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर परमिंदर चोपड़ा ने शुक्रवार, 8 नवंबर को एनालिस्ट्स को बताया, “हमने शपूरजी पल्लोनजी को लोन मंजूर करने के मामले में आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया है।”
उन्होंने कहा कि पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन ने पाया है कि यह सरकार के सपोर्ट वाले लेंडर के लिए फंड करने के लिए एक नया सेक्टर है। आखिरकार, बोर्ड ने लगभग 20,251 करोड़ रुपये के लोन पर आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया।” इस डेवलपमेंट की खबर सबसे पहले मिंट न्यूजपेपर ने दी थी।
समूह कैसे करने वाला था लोन के पैसों का इस्तेमाल
भारतीय अरबपति शपूर मिस्त्री के कंट्रोल वाले शपूरजी पल्लोनजी समूह ने लोन के लिए पहले पावर फाइनेंस से संपर्क किया था। लोन से हासिल पैसों का इस्तेमाल मुख्य रूप से एक पुरानी क्रेडिट फैसिलिटी की रीफाइनेंसिंग में करने का प्लान है। पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन के फैसले के बाद समूह को पैसे जुटाने के लिए नए तरीके खोजने पड़ सकते हैं।
ग्रुप की एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर हाल ही में हुई है लिस्ट
शपूरजी पल्लोनजी समूह की इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन आर्म ‘एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड’ ने हाल ही में आईपीओ की मदद से पैसे जुटाए हैं। कंपनी 5,430 करोड़ रुपये का आईपीओ लाई थी, जो लगभग 3 गुना सब्सक्राइब हुआ। शेयरों की लिस्टिंग 4 नवंबर को BSE, NSE पर हुई।