Indian Market Outlook: बीते हफ्ते शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला जारी रहा. विदेशी निवेशकों ने पिछले 5 ट्रेडिंग सेशन में लगभग 20,000 करोड़ रुपये निकाले. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, शेयर बाजार की दिशा इस हफ्ते मैक्रो इकोनॉमिक डेटा, सितंबर तिमाही के नतीजों, ग्लोबल ट्रेंड्स और विदेशी निवेशकों के रुख से तय होगी. गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti) के अवसर पर शुक्रवार को शेयर बाजार बंद रहेंगे. पिछले हफ्ते सेंसेक्स में 237.8 अंक या 0.29% और निफ्टी में 156.15 अंक या 0.64% की गिरावट आई.
ये फैक्टर्स रहेंगे हावी
स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीना ने कहा, भारत में 12 नवंबर को सीपीआई (CPI) और आईआईपी (IIP) आंकड़े जारी होंगे, जबकि डब्ल्यूपीआई (WPI) आंकड़े 14 नवंबर को आ सकते हैं. वैश्विक स्तर पर, 13 नवंबर को अमेरिका में मुद्रास्फीति (Inflation) की रिपोर्ट आएगी, जो फेडरल रिजर्व के आगामी नीति रुख को प्रभावित कर सकती है.
इन कंपनियों के तिमाही नतीजों पर नजर
मीना ने कहा कि प्रमुख वैश्विक घटनाओं और दूसरी तिमाही के नतीजों के बाद बाजार का ध्यान प्रमुख व्यापक आर्थिक आंकड़ों पर होगा. इस सप्ताह बैंक ऑफ इंडिया (BOI), बीईएमएल (BEML), हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (Hindalco Industries), ओएनजीसी (ONGC), अपोलो टायर्स (Apollo Tyres) और ब्रेनबीज सॉल्यूशंस के तिमाही नतीजों की घोषणा की जाएगी. उन्होंने कहा कि अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और डॉलर इंडेक्स का प्रदर्शन भारत जैसे उभरते बाजारों के लिए महत्वपूर्ण होगा. विश्लेषकों ने कहा कि वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड (Brent Crude) में उतार-चढ़ाव और रुपया-डॉलर विनिमय दर से भी बाजार प्रभावित होगा.
बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रहने की उम्मीद
मास्टर कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड की निदेशक पलका अरोड़ा चोपड़ा ने कहा, बाजार का रुख भारत के सीपीआई, औद्योगिक उत्पादन, विनिर्माण उत्पादन और डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति के आंकड़ों के साथ ही अमेरिका के सीपीआई, कोर सीपीआई, प्रारंभिक बेरोजगारी दावे, ब्रिटेन के जीडीपी आंकड़ों और चीन के औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों से प्रभावित होगा.
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, भारतीय बाजार में कमजोरी की मुख्य वजह एफआईआई (FII) की लगातार बिकवाली है, जो इस महीने भी जारी है. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि मिलेजुले वैश्विक कारकों और कमजोर तिमाही नतीजों के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रहने की उम्मीद है.
(भाषा इनपुट के साथ)