कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया यानी CCI ने फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो और स्विगी को कॉम्पिटिशन नॉर्म्स यानी प्रतिस्पर्धा कानूनों का उल्लंघन करने का दोषी पाया है। रिपोर्ट्स के अनुसार CCI ने जांच में पाया है कि जोमैटो और स्विगी अनफेयर बिजनेस प्रैक्टिसेज में शामिल पाए गए हैं।
CCI ने यह भी कहा है कि दोनों प्लेटफॉर्म कुछ रेस्टोरेंट्स पार्टनर्स को प्रेफरेंशियल यानी स्पेशल ट्रीटमेंट भी दे रहे थे। कॉम्पिटिशन कमीशन ने अप्रैल 2022 में दोनों कंपनियों के खिलाफ विस्तृत जांच का आदेश दिया था और जांच रिपोर्ट इस साल की शुरुआत में रेगुलेटर यानी CCI को सौंप दी गई थी।
नियमों के तहत CCI डायरेक्टर जनरल की रिपोर्ट दोनों कंपनियों के साथ साझा की गई है और बाद में कमीशन द्वारा उन्हें सुनवाई के लिए बुलाया जाएगा। सभी के विचार और स्पष्टीकरण के बाद CCI पारित करेगा।
जोमैटो-स्विगी के खिलाफ NRAI ने दर्ज कराई थी शिकायत
जोमैटो और स्विगी की जांच का फैसला नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन (NRAI) द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत पर लिया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जांच में पाया गया है कि जोमैटो और स्विगी दोनों कंपनियां एंटी-कॉम्पिटेटिव प्रैक्टिसेज में शामिल थीं। दोनों कंपनियां कुछ रेस्टोरेंट्स पार्टनर्स को स्पेशल ट्रीटमेंट दे रही थीं। इस साल की शुरुआत में रेगुलेटर को रिपोर्ट सौंपी गई थी।
हालांकि, इस मामले पर जोमैटो और स्विगी का अब तक कोई बयान सामने नहीं आया है। NRAI ने कहा कि उसने मार्च 2024 में भेजी गई संशोधित जांच रिपोर्ट की समीक्षा की है। एसोसिएशन ने एक स्टेटमेंट में कहा, ‘बाजार के हितों की सुरक्षा के लिए हमने हाल ही में नवंबर 2024 में हाई कोर्ट में याचिका दायर कर CCI से अनुरोध किया कि वह हमें पूरी रिपोर्ट तक एक्सेस प्रोवाइड करें।’
स्विगी ने IPO के RHP में CCI केस के बारे में बताया था NRAI के प्रेसिडेंट सागर दरयानी ने उम्मीद जताई है कि CCI 2022 में NRAI द्वारा अपनी याचिका में उठाए गए अन्य मुद्दों पर भी जांच में तेजी लाएगा। पिछले महीने स्विगी ने अपने इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO के लिए रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस में CCI केस के बारे में बताया था। स्विगी का IPO 8 नवंबर यानी शुक्रवार को क्लोज हुआ है।