स्विगी के IPO को बिडिंग के आखिरी दिन यानी 8 नवंबर को 3.59 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। 11,327.43 करोड़ रुपये के इस IPO को पिछले दो दिनों में भी ठंडा रेस्पॉन्स मिला। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के आंकड़ों के मुताबिक, फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स कंपनी स्विगी ने 16 करोड़ शेयरों का ऑफर पेश किया था, जबकि बिडिंग 57.53 करोड़ शेयरों के लिए की गई।
रिटेल इंडिवजुअल इनवेस्टर्स (RIIs) का हिस्सा 1.14 गुना के साथ पूरी तरह सब्सक्राइब हो गया, जबकि क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) की कैटेगरी में बुकिंग 6.02 गुना रही। इसके अलावा, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स के हिस्से वाले इश्यू को 41 पर्सेंट सब्सक्रिप्शन मिला। एंप्लॉयीज बुक को 1.65 गुना सब्सक्रिप्शन मिला।
इससे पहले बेंगलुरु की कंपनी ने एंकर इनवेस्टर्स से 5,085 करोड़ रुपये जुटाए थे। कंपनी के शेयर पब्लिक सब्सक्रिप्श के लिए 371 रुपये से 390 रुपये की रेंज में उपलब्ध थे। अपर प्राइस बैंड के हिसाब से स्विगी की वैल्यूएशन 95,000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। स्विगी की तुलना में इसकी प्रतिद्वंद्वी कंपनी जोमैटो की वैल्यूएशन 2.25 लाख करोड़ रुपये है। जोमैटो का IPO जुलाई 2021 में आया था।
भारत के फूड और ग्रोसरी मार्केट में स्विगी दूसरे स्थान पर है। पहले नंबर पर जोमैटो है। फूड डिलीवरी सेगमेंट में स्विगी के पास 34 पर्सेंट हिस्सेदारी है, जबकि जोमैटो की हिस्सेदारी 58 पर्सेंट है। जानकारों के मुताबिक, नुकसान में चल रही इस कंपनी (स्विगी) की स्टॉक एक्सचेंजों में अगले हफ्ते एंट्री ठंडी रह सकती है। दरअसल, बाजार में सुस्ती का माहौल है और कंपनी को मुनाफा में आने में भी वक्त लग सकता है।