ऑप्शन ट्रेडिंग सुविधाजनक होने के साथ-साथ थोड़ा जटिल खेल है। हालांकि अगर कोई ट्रेडर नियमों से चलता हो और अनुशासित है तो जटिलता दूर हो जाती है। क्वांट्सऐप प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ और हेड ऑफ रिसर्च शुभम अग्रवाल ने ऑप्शन ट्रेडिंग की ऐसी 3 गलतियों पर रोशनी डाली है, जिन्हें करने से अगर बचा जा सके तो नुकसान से बचा जा सकता है। आइए जानते हैं इस बारे में डिटेल…
1. खरीदने के लिए गलत ऑप्शन (स्ट्राइक सिलेक्शन)
कोई भी समझदार ट्रेडर हमेशा खरीदने के लिए सबसे सस्ते सौदे की ओर जाएगा। लेकिन ऑप्शन में सबसे सस्ती डील हमेशा सबसे अच्छी नहीं होती है। मान लीजिए कि कोई बहुत ज्यादा स्ट्राइक वाला कॉल ऑप्शन या कम स्ट्राइक वाला पुट ऑप्शन खरीदता है तो नतीजा ऑप्शन ट्रेड पर बहुत कम मुनाफे रूप में सामने आता है। फिर भले ही तेजी या मंदी की चाल अनुमान के मुताबिक हो। इससे निराशा होती है क्योंकि ज्यादातर बार लेन-देन की लागत मुनाफे से ज्यादा होती है।
गलती: हायर स्ट्राइक कॉल और लोअर स्ट्राइक पुट, क्लोजर स्ट्राइक की तुलना में स्टॉक/इंडेक्स में होने वाले उतार-चढ़ाव के प्रति कम संवेदनशील होते हैं। इस वजह से स्टॉक/इंडेक्स पर नजरिए की सटीकता के बावजूद कोई अच्छा पैसा नहीं कमा पाता।
समाधान: कॉल के मामले में 2-3 स्ट्राइक ज्यादा या पुट के मामले में 2-3 स्ट्राइक कम से आगे खरीदने की कोशिश न करें।
2. असुरक्षित ऑप्शंस सेलिंग
ऑप्शन सेलिंग एक ऐसा ट्रेड है जहां व्यक्ति को अज्ञात और बहुत बड़ा नुकसान होता है जबकि अधिकतम लाभ सिर्फ प्राप्त प्रीमियम होता है। अलग-अलग बेचे जाने वाले किसी भी ऑप्शन में ऐसा जोखिम होगा और इसलिए उसे असुरक्षित कहा जा सकता है। क्या हमें ऑप्शन अलग-अलग नहीं बेचने चाहिए? शुभम अग्रवाल की राय में ट्रेडिंग के लिए ऐसा न करना ठीक है। ऐसे ट्रेडर्स हैं, जो अपने निवेश जोखिम को जोड़ने या उससे बाहर निकलने के लिए ऑप्शन सेलिंग का इस्तेमाल करते हैं।
गलती: स्टॉप लॉस से प्रेरित ऑप्शन सेलिंग पर निर्भर रहना और अचानक गैप अप या गैप डाउन के मामले में बहुत बड़े नुकसान की संभावना के लिए प्रावधान न करना। यहां 10 में से सिर्फ एक ट्रेड के गलत होने की देरी है और हम बिजनेस से बाहर हो सकते हैं।
समाधान: हर कॉल बिकने पर, ज्यादा स्ट्राइक वाली कॉल (कम प्रीमियम वाली) खरीदें। इसी तरह, हर पुट बिकने पर कम स्ट्राइक वाली पुट खरीदें। इससे मिलने वाला प्रीमियम कम होगा, लेकिन मार्जिन भी कम होगा। अंत में अधिकतम नुकसान खरीदे गए और बेचे गए स्ट्राइक के बीच के अंतर तक सीमित रहेगा।
3. लॉटरी की तरह ऑप्शन ट्रेडिंग
हम बहुत आगे बढ़ चुके हैं, लेकिन अभी भी कुछ बार हम लॉटरी टिकट की तरह ऑप्शन ट्रेड करते हैं। अगर स्टॉक एक्सपायरी के दौरान कभी भी आगे बढ़ता है, तो हम पैसे कमाएंगे, नहीं तो हम पूरा प्रीमियम खोने की स्थिति में भी समझौता कर लेते हैं।
गलती: खरीदे गए ऑप्शन के साथ कोई एग्जिट स्ट्रैटेजी न होना। हम गैरजरूरी पोजीशन रखते हैं।
समाधान: किसी भी दूसरे स्टॉक की तरह ऑप्शन ट्रेड करें। एक टारगेट रखें और स्टॉप लॉस के साथ-साथ एक टाइम स्टॉप लॉस भी रखें। याद रखें, समय बीतने के साथ प्रीमियम भी कम होता है।