नई दिल्ली: अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ (IPO) रहा है कार बनाने वाली दक्षिण कोरियाई कंपनी हुंडई (Hyundai) का। उसके रेकार्ड को भी तोड़ने की तैयारी है। जी हां, यह तैयारी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज या एनएसई (NSE) की है। यह स्टॉक एक्सचेंज आईपीओ लॉन्च करने की तैयारी में है। फिलहाल यह बाजार नियामक सेबी (SEBI) से हरी झंडी मिलने का इंतजार कर रहा है।
क्या है आईपीओ लाने का उद्देश्य
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के चीफ बिजनेस ऑफिसर श्रीराम कृष्णन ने शुक्रवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा उनका आईपीओ देश का सबसे बड़ा आईपीओ हो सकता है। उल्लेखनीय है कि अभी भारत में हुंडई का आईपीओ देश का सबसे बड़ा रहा है। उनका कहना है कि आईपीओ लाने का उद्देश्य प्राइस डिस्कवरी नहीं है बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए है।
इस समय क्या है बाजार मूल्यांकन
कृष्णन ने बताया कि इस समय गैर-सूचीबद्ध बाजार में एनएसई का मूल्यांकन करीब 4.75 लाख करोड़ रुपये है। साथ ही भारत के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज के रूप में उन्हें बाजार के प्रति जवाबदेह होना चाहिए। उन्होंने बताया कि आईपीओ मूल्य निर्धारण के बारे में कोई इश्यू नहीं है, क्योंकि एक्सचेंज के पास कोई प्रमोटर नहीं है। कृष्णन ने कहा, “हम एक अर्ध-वाणिज्यिक संगठन हैं।”
कैसे होगा सबसे बड़ा आईपीओ?
लगभग 20,000 शेयरधारकों के साथ, एनएसई के शेयर गैर-सूचीबद्ध बाजार में सबसे लोकप्रिय है। कंपनी ने हाल ही में 4:1 के अनुपात में बोनस जारी किया है। इसके बाद इसके शेयर लगभग 2,000 रुपये प्रति यूनिट पर कारोबार कर रहे हैं। इस हिसाब से एक्सचेंज का वर्तमान बाजार पूंजीकरण करीब 4.75 लाख करोड़ रुपये है। अगर एनएसई आईपीओ में 10% इक्विटी बेचने का फैसला करता है, तो इसका आकार करीब 47,500 करोड़ रुपये हो सकता है। इस लिहाज से यह भारत में अब तक का सबसे बड़ा सार्वजनिक निर्गम बन जाएगा।
अभी सेबी का इंतजार
एनएसई कागजात दाखिल करने के लिए सेबी की मंजूरी का इंतजार कर रहा है। अधिकारी ने कहा, “जब भी मंजूरी मिलेगी, हम आईपीओ के लिए जाएंगे।” उल्लेखनीय है कि एनएसई आईपीओ को 2016 में पहली बार अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) दाखिल करने के बाद से ही देरी का सामना करना पड़ रहा है। कंपनी पर को-लोकेशन घोटाले का आरोप लगा है, जिसकी वजह से उसे आपत्ति का सामना करना पड़ा था। इस घोटाले में कुछ ब्रोकरों ने व्यापक बाजार की कीमत पर एनएसई के सिस्टम, डेटा और ट्रेडिंग सुविधाओं तक तेजी से पहुंच हासिल करके अनुचित लाभ प्राप्त किया था।
सेबी ने किया था मामले का निपटारा
एनएसई आईपीओ के लिए रास्ता साफ करते हुए, सेबी ने पिछले महीने एनएसई और उसके अधिकारियों रवि नारायण, चित्रा रामकृष्ण और अन्य के खिलाफ पर्याप्त भौतिक साक्ष्य की अनुपस्थिति का हवाला देते हुए मामले का निपटारा किया था। एनएसई के सीईओ आशीष कुमार चौहान ने हाल ही में कहा था कि एक्सचेंज सेबी से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) मिलने के बाद ही डीआरएचपी तैयार कर पाएगा।