वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में टाटा मोटर्स (Tata Motors) का नेट प्रॉफिट 11 पर्सेंट गिरकर 3,343 करोड़ रुपये रह गया। कंपनी के मुनाफे में गिरावट की मुख्य वजह जगुआर लैंड रोवर (JLR) यूनिट और इसके कमर्शियल व्हीकल सेमगेंट की कमजोर परफॉर्मेंस है। जुलाई-सितंबर तिमाही में कंपनी का कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू 3.5 पर्सेंट गिरकर 1.01 लाख करोड़ रुपये हो गया।
स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग के मुताबिक, जुलाई-सितंबर तिमाही में कंपनी का कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू 3.5 पर्सेंट की गिरावट के साथ 1.01 लाख करोड़ रुपये रहा, जिसकी मुख्य वजह लोअर सेल्स वॉल्यूम है। ऑटोमोबाइल कंपनी की दूसरी तिमाही के नतीजे बाजार के अनुमानों के मुताबिक नहीं रहे। मनीकंट्रोल की एनालिसिस में कंपनी का रेवेन्यू 1.05 लाख करोड़ रुपये (फ्लैट) और नेट प्रॉफिट 32 पर्सेंट के उछाल के साथ 4,968 रहने का अनुमान जताया गया था।
संबंधित अवधि में कंपनी का इबिट्डा 2.30 पर्सेंट की गिरावट के साथ 11.4 पर्सेंट था। इसके अलावा, टाटा मोटर्स ने परफॉर्मेंस को लेकर सतर्कतापूर्ण टिप्पणी की है। उन्होंने कहा, ‘हम निकट-भविष्य में डोमेस्टिक डिमांड को लेकर काफी सावधानी बरत रहे हैं। हालांकि, फेस्टिव सीजन और इंफ्रास्ट्रक्चर में जबरदस्त निवेश से इसे बढ़ावा मिलना चाहिए।’
नतीजों के ऐलान से पहले नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में 8 नवंबर को टाटा मोटर्स का शेयर 2 पर्सेंट की गिरावट के साथ 803.55 रुपये पर बंद हुआ। कंपनी का मार्केट कैपिटल तकरीबन 3,00,000 करोड़ रुपये है। इस साल अगस्त से लेकर अब तक कंपनी के शेयरों में तकरीबन 31 पर्सेंट की गिरावट है। इससे पहले तकरीबन एक साल में कंपनी का शेयर तकरीबन दोगुना बढ़ चुका था।
जगुआर लैंड रोवर का रेवेन्यू 5.6 पर्सेंट की गिरावट के साथ 6.5 अरब पौंड रहा, जबकि टाटा मोटर्स का डोमेस्टिक कमर्शियल व्हीकल रेवेन्यू 13.9 पर्सेंट गिरकर 17,288 करोड़ रुपये हो गया।