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2,700 रुपये का घाटा और 3 रुपये का डिविडेंड… देश के सबसे महंगे स्टॉक के साथ यह क्या हो गया?

नई दिल्ली: देश में सबसे महंगे शेयर वाली कंपनी एमआरएफ ने शुक्रवार को सितंबर तिमाही का रिजल्ट जारी किया। फाइनेंशियल ईयर 2024 को दूसरी में कंपनी का स्टैंडअलोन नेट प्रॉफिट 20% की गिरावट के साथ 455 करोड़ रुपये रहा। एक साल पहले की समान तिमाही में यह 572 करोड़ रुपये था। इस अवधि के लिए कंपनी का परिचालन से राजस्व 11% बढ़कर 6,760 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी के बोर्ड ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 3 रुपये प्रति शेयर का अंतरिम लाभांश भी घोषित किया और 19 नवंबर को रिकॉर्ड तिथि निर्धारित की।टायर बनाने वाली इस कंपनी ने जुलाई-सितंबर 2024 की अवधि के लिए 974 करोड़ रुपये का EBITDA दर्ज किया, जो पिछले साल की समान अवधि में दर्ज 1,129 करोड़ रुपये की तुलना में लगभग 14% कम है। दूसरी तिमाही में कंपनी का मार्जिन भी घटकर 14.4% रह गया। तिमाही के लिए कुल व्यय पिछले साल की समान तिमाही के 5,497 करोड़ रुपये से 16% बढ़कर 6,363 करोड़ रुपये हो गया। सितंबर तिमाही में कंपनी का कर पूर्व लाभ पिछले वर्ष की तिमाही के 791 करोड़ रुपये की तुलना में 20% गिरकर 631 करोड़ रुपये रह गया।

कंपनी का शेयर

शुक्रवार को बीएसई पर कंपनी का शेयर करीब तीन फीसदी गिरावट के साथ 117500.00 रुपये पर आ गया था। पिछले सत्र में यह 120958.70 रुपये पर बंद हुआ था। एमआरएफ देश का सबसे महंगा शेयर है। इसका 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर 151,283.40 रुपये और न्यूनतम स्तर 107,200.00 रुपये है। केरल के एक ईसाई परिवार में जन्मे के. एम मैमन मापिल्लई ने एमआरएफ की स्थापना की थी।

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