कुछ डिफेंस कंपनियों के शेयरों में फिर से तेजी देखने को मिल सकती है। दिग्गज निवेशक रमेश दमानी ने यह अनुमान जताया है। उनका मानना है कि कुछ डिफेंस स्टॉक्स में फिर से तेजी देखने को मिल सकती है। लेकिन, अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद डिफेंस सेक्टर ठंडा पड़ सकता है। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका की विदेश नीति में बड़ा बदलाव दिख सकता है। इसका असर डिफेंस कंपनियों के बिजनेस पर पड़ेगा।
दमानी ने कहा कि उम्मीद है कि ट्रंप यूक्रेन को डिफेंस इक्विपमेंट का एक्सपोर्ट रोक देंगे। इसका असर डिफेंस कंपनियों पर पड़ेगा। यूक्रेन को डिफेंस इक्विपमेंट का एक्सपोर्ट बढ़ने से डिफेंस कंपनियों का बिजनेस बढ़ा था। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि अब डिफेंस कंपनियों का फोकस एक्सपोर्ट की बजाय घरेलू सप्लाई पर होगा। ट्रंप की पॉलिसी अमेरिका फर्स्ट की रही है। माना जा रहा है कि ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद फिर से सरकार का फोकस इस पॉलिसी पर होगा।
इंडिया में डिफेंस कंपनियों के शेयरों के बारे में दमानी ने कहा कि कुछ डिफेंस कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ और ऑर्डरबुक काफी अच्छी रही है। इसलिए उनके शेयरों में तेजी देखने को मिल सकती है। कई बड़ी डिफेंस कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट आई है। इनमें Bharat Electronics, Mazagon Dock और Cochin Shipyard जैसी कंपनियां शामिल है। इन कंपनियों के शेयर अपने ऑल-टाइम हाई से 15 से 50 फीसदी तक गिरे हैं।
भारत डायनेमिक्स जल्द अपना रिजल्ट पेश करने वाली है। इस कंपनी के शेयर अपने ऑल-टाइम हाई से 40 फीसदी गिर चुका है। दमानी की गार्डन रिच शिपबिल्डर्स में जून तिमाही के अंत में 1.09 फीसदी हिस्सेदारी थी। लेकिन, सितंबर में कंपनी की शेयहोल्डर्स की लिस्ट में उनका नाम नहीं आया। इसका मतलब है कि उन्होंने अपनी हिस्सेदारी बेच दी है या कंपनी में उनकी हिस्सेदारी घटकर 1 फीसदी से नीचे आ गई है। हिस्सेदारी 1 फीसदी से कम होने पर शेयरहोल्डर का नाम डिसक्लोजर में नहीं आता है।
मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स ने हाल में सितंबर तिमाही के नतीजों का ऐलान किया। कंपनी का प्रॉफिट पिछले साल के समाना अवधि के मुकाबले 76 फीसदी बढ़ा है। इसके मार्जिन 18.5 फीसदी बढ़ा है। इस साल जुलाई में कंपनी के शेयर की कीमत 5,860 रुपये पहुंच गई थी। तब से यह स्टॉक 30 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है। हाल में कंपनी ने स्टॉक स्प्लिट और डिविडेंड का ऐलान किया था।